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आओ जीना सीन...
अफलता (10
आओ जीना सीन...
सफलता (5)
पढ़ेगा, वही आगे बढ़ेगा
अच्छी किताबें सिर्फ शरीर को ही नहीं,
आत्मा को भी समृद्ध करती हैं, इसलिए पढ़ने की आदत डालनी चाहिए।
___- डॉ. अब्दुल कलाम
बच्चो ! मैंने रूचि की बात लिखी। मुझे विश्वास है, जो हॉबी चॅप्टर पढ़ेंगे तो चिंतन जरूर शुरू करेंगे। कुछ बचों ने तो शिटींग, कॉइन्स, स्टेम्प का कलेक्शन करना भी शुरु कर दिया होगा।
बच्चो ! एक विषय की मैं जानकारी देती हूँ। जिसे पढ़कर आप भी जरूर उसे स्वीकार करोगे। वह बात है - "आपको पढ़ने की आदत डालनी है" आप कहेंगे, हम तो पढ़ते हैं। मेरे प्रिय बच्चो ! पढ़ाई की किताब तो सभी पढ़ते हैं, मैं दूसरी किताबें पढ़ने की बात कर रही हूँ।
मैं कॉलेज में पढ़ती थी। छुटटी में जब गांव जाती, छोटा सा गांव था। तो लायब्ररी से जाकर किताबें पढ़ती थी। उस जमाने में न टी.वी. था न ज्यादा बाहर
जाना-आना। मैं 2 किताबें लाती। दोपहर 3-4 बजे मैं नरक में भी
जाती थी। आते ही रात तक एक किताब पूरी पढ़
लेती। दूसरे दिन सवेरे से दोपहर तक दूसरी किताब अच्छी पुस्तकों का
पढ़ लेती थी। 3-4 बजे वापस जाती। उस लायब्रेरी स्वागत करुंगा। वाले को पहले तो गुस्सा आता था । एक दिन कोई दोक्योंकि उनमें वह दो किताबें थोड़ी ही पढ़ता है? मैने सब बताया तो वह शक्ति है कि जहाँ
इन्प्रेस हो गया था।
बच्चो ! उसका जीवन भर मुझे उपयोग हुआ। हर वे होंगी वहाँ स्वर्ग
जगह, हर समय किताबों का ज्ञान काम आता है। बन जाएगा।
शुरू में ही मैंने लिखा है कि सत्य और ज्ञान पर - लोकमान्य तिलक खड़ा जीवन ही महान बन सकता है। यह ज्ञान पाना
है तो पढ़ना होगा। 'बच्चे और हम' राज किशोर जी की किताब है। वह लिखते हैं - बच्चे साहित्य
पढ़ेगा, वही आगे बढ़ेगा