Book Title: Aao Jeena Sikhe
Author(s): Alka Sankhla
Publisher: Dipchand Sankhla

View full book text
Previous | Next

Page 47
________________ प्रयोग करें 0 आओ जीना सीन... कैसे करें पढ़ाई जानंद कसा . बच्चों, मैं जानती हूँ आपके सामने सबसे अहम-मुख्य समस्या है पढ़ाई। आप यही सोचते होंगे? कैसे पढ़ाई करें ताकि अच्छे अंक प्राप्त हों। सबसे पहली बात है अध्ययन कैसा करते हो? ज्यादा परिश्रम करना, दिनरात पढ़ाई करना, इससे अच्छा है सुनियोजित और समझकर पढ़ाई की जाए। उसके लिए - टाईम टेबल बनाना, अच्छे नोट्स निकालना और रटने की बजाय अधिक विषयों को समझना जरूरी है। समझकर पढ़ाई करने से याद भी रहती है और लिखने में समझ भी आती है। (1) पाठ को पूरी तरह पढ़ना, (2) मुख्य बिंदुओं को रेखांकित करना, (3) नोट्स निकालना, (4) सारांश ध्यान में रखना। परीक्षा के समय रात-दिन पढ़ाई करने से महत्त्वपूर्ण है नियमित अभ्यास । पाठ पढ़ाया जाने से पहले अथवा पढ़ाते ही तुरंत उसे पढ़ना। जो समझ में नहीं आता उसके बारे में पूछना। सिखाते समय एकाग्रता और ध्यान देना जरूरी है। उसके उत्तर देना, नोट्स निकालना यह जरूर करना । अपने हाथ से नोट्स निकालने से आपका फायदा होता है। परीक्षा के समय तनावमुक्त रहना । अनेक विद्यार्थी समय के अभाव से एक प्रश्र छोड़ देते हैं। कभी आधा लिखते हैं। निर्धारित समय में संपूर्ण पेपर लिखने की प्रेक्टिस करना आवश्यक है। 2/3 साल पुराने परीक्षा के प्रश्रपत्र समय से पूरे कर सकते हो या नहीं यह प्रयोग अवश्य करें। मित्र के साथ पढ़ाई पर चर्चा करना । एक दूसरे को प्रश्र पूछना, गुप डिस्कसन की तरह आपसे किसने, कितना और क्या पढ़ा यह पूछना। इससे अपनी कमी का पता चलता है। नियमित पढ़ाई करने से परीक्षा के समय अधिक तनाव नहीं रहता और सहजता से पढ़ाई अच्छी होती है। ___ पढ़ाई के साथ नियमित योग व्यायाम अथवा पीटी में सिखाए प्रयोग करोगे तो हमेशा फ्रेश और हलका महसूस करोगे। मनोरंजन, पत्र-पत्रिका पढ़ना और खेलकूद हो, ज्ञान बढ़ने के साथ स्वस्थता का अनुभव भी करोगे। आओ जीना सीनवे... किताब क्यों लिनवी? 0 मैंने यह किताब क्यों लिरवी? आजकल इतनी किताबें है। किताबें पढ़ते भी कम हैं। तो फिर मैं एक और किताब क्यों लिख रही हूँ, यह बताना बहुत ही जरूरी है। प्रश्र, प्रश्र और प्रथ मेरे मन में हमेशा प्रश्न बहुत उभरते थे। मायाँ ! मेरा एक मुख्य प्रश्न था कि क्या संसार में सुखी बनने का रास्ता मिलेगा? आनंद कहाँ र क्यों बोली है. से प्राप्त होता है? शादी के बाद ससुराल में भ्रष्टाचार क्यों का है. कैसे रहना? पति-पत्नी में सुसंवाद हो इसके मुग्ण वहाँ है लिए क्या कर सकते हैं? पढ़ाई होने के बाद मुझे लगा, यह पढ़ाई तो अछी नौकरी दे सकती है। पैसा दे सकती है, पर मेरे उभरे प्रश्नों के उत्तर नहीं दे सकती। पढ़ाई के बाद नौकरी करने लगी। वहां लोग झूठ बोलते थे, झगड़े करते थे और भ्रष्टाचार करते थे। इसे देखकर मुझे आश्चर्य होने लगा । प्रश्न बढ़ने लगे। लोग सत्य क्यों नहीं बोलते? झगड़े क्यों करते रहते है? आदि। मुझे पता है, मेरी तरह आप के मन में भी अनेक प्रश्न हैं। प्रश्न का स्वरूप अलग हो सकता है पर प्रश्न तो सबके मन में होते हैं। सवालों के जवाब ढूंढ रही थी... किताबें पढ़ती थी। एक ऐसी किताब ढूंढ रही थी जो जीना सिखाए। क्योंकि मनुष्य एक ऐसा प्राणी है, जिसे सब कुछ सीखाना पड़ता है। पढ़ना, लिखना, चलना, हर छोटी-छोटी बात उसे सिखाते हैं। जीना कैसे? इसे सही तरीके से, व्यवस्थित मार्गदर्शन कहाँ है? जो हम घर में देखते हैं, हम वैसा ही रहना सीख जाते हैं। कहां से? किधर? क्यों? कैसे?- ये प्रश्न सम्पूर्ण दर्शन को आत्मसात कर लेते हैं। -जोबाट

Loading...

Page Navigation
1 ... 45 46 47 48 49 50 51 52 53