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आओ जीना सीन...
अफलता (36)
सफलता 370
आओ जीना सीन... yसत्य
सब कुछ हो सकता है। फल हर कोई पा सकता है। लगन तुम्हारे पास होनी चाहिए। ता उम्र पुरुषार्थ करना चाहिए।
सफलता
पढ़ेगा वही आगे बढ़ेगा
रुचि
स्वस्थ रहो।
इमारत अच्छी और ऊंची बनानी है तो बुनियाद भी पक्की होनी जरूरी है। इन्सान के व्यक्तित्त्व विकास और प्रगति के लिए उसकी भी बुनियाद सही होनी चाहिए। बच्चों में महत्त्वपूर्ण संस्कार होना चाहिए "वंदे सच्च' अर्थात सत्य ही भगवान है। सत्य से बढ़कर इस दुनिया में कुछ भी नहीं। सत्य के आधार पर बच्चा अपनी सच्ची प्रगति कर सकता है। उन्नति के शिखर छू सकता है। मां के दूध के साथ बच्चे को सत्य की बालवूटी पिलानी चाहिए। चाहे कुछ भी हो, सत्य पर अडिग रहने का स्वभाव होना चाहिए, वृत्ति होनी चाहिए।
बचो। इस बात को गहराई से समझो। सत्य ही सब कुछ है। मैं लिख रही हूँ, अभिभावक कहते हैं और शिक्षक सिखाते हैं, इससे बढ़कर है सत्य । खुले मन से सत्य पर चिंतन करो। शाश्वत सत्य, परम सत्य और सार्वभौम सत्य को समझकर हर बात के तथ्य तक पहुंचाना है। जो कुछ आपके सामने रखा जाता है उसे जानने की जिज्ञासा रखो, भावुक मत बनो। निष्पक्ष भाव से सोचने की कोशिश करो।
एक बार सत्य की बात दिल में उतर गई तो समझना तुम्हारा मार्ग प्रशस्त है। प्रगति पथ पर प्रस्थान हो गया और अच्छे बनने की यह शुरुआत हो गई। बच्चे जब सहज झूठ बोलते हैं, आराम से सब को फँसाते हैं, तो दुःख होता है। बड़े होने के बाद भी झूठ के सहारे कुछ भी करने से हिचकिचाते नहीं, तब दिल काँप उठता है। कई लड़कियाँ देखी हैं, माँ-बाप से झूठ बोलकर गलत काम करती हैं। विश्वास बड़ी बात होती है। बच्चो ! सत्य बोलने वालों पर सब विश्वास करते हैं। बच्चे हमेशा कहते हैं, “आज कल सभी झूठ बोलते हैं, झूठ बोलने वाले की ही चलती है।
असत्य विजयी भी हो जाए, तो उसकी विजय अल्पकालिक होती है
- लियो ना?-द-विंसी विश्वास पर दुनिया चलती है। हर अच्छी बात में सत्य होता है। सब धर्मो, अच्छे ग्रंथों और दुनिया के हर कोने में सत्य का महत्त्व है।
आत्मविश्वास.
अनुशासन
आयोजन-नियोजन
संकल्प अणुव्रत
(सत्य
ज्ञान