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बच्चे बळ किताब क्यों पढ़े?
आओ जीना सीन... गजीने का ज्ञान
आओ जीना सीनवें...
बच्चे यह किताब क्यों पढ़े? 0 जीना सीखें प्रिय बच्चो! यह पुस्तक वास्तव में आपके लिए ही लिख रही हूँ, क्योंकि मुझे बच्चों पर पूरा भरोसा है। मुझे आशा ही नहीं अपितु पूर्ण विश्वास है कि बच्चे तो अच्छे ही होते हैं। बच्चों को अच्छा बनाना बहुत ही सरल काम है। कारण, जो बात बच्चों को अच्छी लगती है, उसे सहज ही अपना लेते हैं। प्रश्न यह है कि अच्छी बातें बच्चों को उनके स्तर पर जाकर कैसे समझाई जाएँ, जिन्हें वे सहज स्वीकार कर सकें। मैं लंबे अरसे से बच्चों के साथ काम कर रही हूँ, क्योंकि बच्चे मुझे अच्छे
लगते हैं। मैंने बच्चों के कई शिविर लिए हैं और मेरा यह न तो आदेश है अनुभव है कि इन शिविरों में बच्चे आनंद और उत्साह और न ही उपदेश से सम्मिलित होते हैं। बच्चे हर बात को समझकर वैसा
ही करने की कोशिश करते हैं। मैं तो सिर्फ चाहती
____ कई बार छोटे-छोटे बच्चों पर मैंने व्यक्तिगत प्रयोग हूँ कि आप के
भी किए हैं। मुझे आश्चर्य हुआ कि जो बात वे जीवन का
अभिभावकों के द्वारा नहीं मानते, उसी बात को उनके सर्वांगीण विकास
स्वभाव को मद्देनजर रखकर कहानी और गीत के हो। पढ़ाई के माय
माध्यम से समझाई गई तो उन्होंने सहज ही स्वीकार
कर ली। आप जीना सीखें।
मुझे आशा है, बच्चे इस पुस्तक के हर आयाम
को समझेंगे और सहज स्वीकार करेंगे। यह न तो आदेश है और न ही उपदेश । मैं तो सिर्फ चाहती हूँ कि आप के जीवन का सर्वांगीण विकास हो। पढ़ाई के साथ आप जीना सीखें । अच्छे बच्चे बनने के साथ-साथ अपने भाग्य के विधाता भी बनें । आचार्य महाप्रज्ञजी ने अपनी पुस्तक में कहा है - "मैं हूँ अपने भाग्य का निर्माता" और इसी संदेश को मैं आप तक पहुँचाना चाहती हूँ। आदेश और निर्देश से परे यह मेरी मंगल भावना है कि आप जीना सीखें। 4
असीमित आकांक्षाएं, अधिक कार्यभार, इससे जीवन अस्तव्यस्त हो रहा है। दिनचर्या भी अस्तव्यस्त हो रही है। ज्ञान तो बहुत मिल रहा है। इन्टरनेट खोलते ही ज्ञान का खजाना मिलता है। सब विषयों की कक्षाएं हैं। जिसको जो सीखना है, वह सीख सकता है।
कम्प्यूटर और मोबाइल से दुनिया की कोई भी इन्फोर्मेशन व्यक्ति क्षण में पा लेता है। मनुष्य सब कुछ जानता है, पर सबसे अधिक महत्त्वपूर्ण बात है जीना। जीने का ज्ञान प्राप्त करना अत्यधिक महत्त्वपूर्ण है।
सब ज्ञान से बढ़कर है जीवन संवारने का ज्ञान । आनंद का खज़ाना और सुख पाना । जीवन की नींव सुदृढ़ करने का ज्ञान । छोटी-छोटी बातें जिससे जीवन बनेगा महान्, ऐसा ज्ञान अपेक्षित है।
बद्यो! आज पढ़ाई में सब आगे हैं। पढ़ाई का अपना महत्त्व भी है। पर इतना समझना जरूरी है कि स्कूल की पढ़ाई अच्छी है, किंतु वह अधूरी है। वह अच्छा डॉक्टर और इन्जीनीयर बनाती है पर अच्छा इन्सान नहीं बनाती।
इसलिए पढ़ाई के साथ हमें जीना भी सीखना है। पढ़ाई बुद्धि पर आधारित है। हमें हृदय और आत्मा का भी विकास करना है। बौद्धिकता के साथ भावात्मक और मानसिक विकास भी करना है। जीना सीखो, इसमें सब कुछ आएगा। 4