Book Title: Aagam 11 VIPAK SHRUT Moolam evam Vrutti
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Deepratnasagar
View full book text
________________
आगम
“विपाकश्रुत” - अंगसूत्र-११ (मूलं+वृत्ति:)
(११)
श्रतस्कंध: [१] ... .....------ अध्ययनं [४] ........... .- मूलं [२२] मुनि दीपरत्नसागरेण संकलित...........आगमसूत्र - [११], अंग सूत्र - [११] "विपाकश्रुत" मूलं एवं अभयदेवसूरि-रचित वृत्ति:
प्रत सूत्रांक
**%
[२२]
दीप अनुक्रम [२५]
विपाकेच्ढे तते णं से सगडे दारए सयातो गिहाओ निच्छ्ते समाणे संघाडगतहेव जाव सुदरिसणाए गणि-MY शकटा. श्रुत०१
दयाए सर्वि संपलग्गे यावि होत्या, तते णं से सुसेणे अमचे तं सगडं दारगं अन्नया कयाई सुदरिसणाए ग- वेश्यातो |णियाए गिहाओ निच्छुभावेति सुदंसणियं गणियं अम्भितरियं ठावेति २ सुदरिसणाए गणिपाए सद्धिं उरा-13/ नाशा लाई माणुस्सगाई भोगभोगाई भुंजमाणे विहरति, तते णं से सगडे दारए सुदरिसणाओ गिहाओ निच्ढे समाणे अन्नस्थ कस्थवि सुर्ति वा अलभ० अन्नया कयाई रहसियं सुदरिसणागेहं अणुप्पविसह २ सुदरि|सिणाए सर्टि उरालाई भोगभोगाइं मुंजमाणे विहरह, इमं च णं सुसेणे अमचे पहाते जाव विभूसाप मणुहस्सबरगुराए जेणेव सुदरिसणागणियाए गेहे तेणेव उवागच्छति तेणेव उवागच्छदत्ता सगड दारयं सुदंस
णाए गणियाए सद्धिं खरालाई भोगभोगाई भुजमाणं पासह आसुरुत्ते जाय मिसमिसेमाणे तिवलियं भि िनिमाले साइह सगई दारयं पुरिसेहिं गिण्डाविति अहिजाब महियं करेति अपनडगपंधणगं क-15 रेति २ जेणेव महचंदे राया तेणेव उवागवाह उवागछित्ता करयलजाव एवं पयासी-एवं खलु सामी! स
गडे दारए मम अंतेपुरंसि अवरद्धे, तते णं से महगंदे राया सुसेर्ण अमचं एवं पयासी-तुम, चेष गं देवाणु* प्पिया! सगडस्स दारगस्स दंदं यत्तेहि, तए णं से सुसेणे अमचे महदेणं रमा अम्मणुबाए समाणे स-18
गडं वारयं सुदरिसणं च गणियं एएणं बिहाणेणं वनं आणयेति, तं एवं खलु गोयमा। सगडे दारगे पोरापुराणाणं पवणुम्भवमाणे विहरति (सू०२२) सगडेणं भंते! दारए कालगए कहिंगच्छिदिति ? कहिं जन
6495564545453
अत्र मूल संपादने शीर्षक-स्थाने सूत्र-क्रमांकने एका स्खलना दृश्यते- यत् सू० २२ स्थाने सू० १९ इति क्रम मुद्रितं
~ 71~

Page Navigation
1 ... 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128 129 130 131 132