Book Title: Yatindrasuri Diksha Shatabdi Samrak Granth
Author(s): Jinprabhvijay
Publisher: Saudharmbruhat Tapagacchiya Shwetambar Shree Sangh
View full book text
________________
जैन-धर्म
1. श्री नमस्कार महामंत्र
मुनिराज श्री देवेन्द्र विजयजी साहित्यप्रेमी 2. जैन धर्म में तीर्थकर : एक विवेचन
डॉ. रमेशचन्द्र गुप्त 3. जैन तीर्थंकरों के लांच्छन
मुनि ऋषभचन्द्र विजय विद्यार्थी 4. क्रान्तदर्शीशलाका पुरुष : भगवान महावीर
डॉ. श्री रंजन सूरिदेव 5. ऋषभनाथ : श्रमण और ब्राह्मण संस्कृतियें के समन्वय सेतु विद्यावाचस्पति डॉ. श्री रंजनसूरि देव
64 (582)
1. ब्रह्मचर्य तपोत्तमम् 2. ब्रह्मचर्य : स्वरूप एवं साधना
ब्रह्मचर्य
मंत्र की साधकता : एक विश्लेषण 5. भारतीय-चिन्तन में दान की महिमा 6.: एक चिन्तन 7. जैन-योग में अनुप्रेक्षा 8. जैन-आचार संहिता 9. जैन न्याय में स्मृति प्रत्यभिज्ञान तथा तर्क 10. जैन-धर्म का त्रिविध साधना मार्ग 11. जैन आगमों में समाधिमरण की अवधारणा 12. जैन धर्म में स्वाध्याय का अर्थ एवं स्थान 13. जैन साधना का आधार सम्मग्दर्शन 14. जैन-साधना में ध्यान 15. जैन धर्म में पूजा विधान एवं धार्मिक अनुष्ठान 16. पर्युषण पर्व : एक विवेचन
जैन साधना एवं आचार
आचार्य श्री मद्विजय यतीन्दसूरीश्वरजी म. राष्ट्रसन्त उपाध्याय अमर मुनि मुनि नरेन्द्र विजय श्री नन्दलाल जैन श्री बाबूलाल जैन "उज्ज्वल" डॉ. रच्जन कुमार समणी-नियोजिका मंगल प्रज्ञा डॉ. सुधा जैन डॉ. वशिष्ट नारायण सिन्हा डॉ. सागरमल जी जैन डॉ. सागरमलजी जैन डॉ. सागरमलजी जैन डॉ. सागरमलजी जैन डॉ. सागरमलजी जैन डॉ. सागरमलजी जैन डॉ. सागरमलजी जैन
107
117 (706)
इतिहास
1. जैन धर्म की परम्परा इतिहास के झरोखे से 2. प्राचीन मालवा के जैन विद्वान् और उनकी रचनाएं
आगम वाचस्पति डॉ. सागरमलजी जैन डॉ. तेजसिंह गौड़
For Private & Personal Use Only
Jain Education International
www.jainelibrary.org.