Book Title: Vyutapatti Ratnakarakalita Abhidhan Chintamani Nammala
Author(s): Hemchandracharya, 
Publisher: Rander Road Jain Sangh

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Page 840
________________ મૌન जीवसू " ज्ञप्ति जीवातु ६२७ ३० પ્રાણ ज्या નિંદા सार्थशब्दानुक्रमणिका जी-७९९-ज्यो शब्दः अर्थः श्लो. पृ. पं. | शब्दः अर्थः श्लो. पृ. पं. जीवनौषध वन रक्षोपाय १३६७ ६२७ ३१ | जोनाला જુવાર ११७८ ५४६ २९ जीवन्ती भीमरणो31, डि२५ ११८५ ५५० ९ | जोषम् १५२८ ७०१ १९ जीववृत्ति पशुपालनन म ८८८ ३९२ ६ | ज्ञ બુધગ્રહ જેની સંતતિ જીવતી વિદ્વાનું ३४१ १५३ ४५ રહેતી હોય તે સ્ત્રી ५३० २३५ १९ મતિ, બુદ્ધિ ३०८ १४१ जीवा ५७, धनुष्यनीहोरी ७७६ ७७६ ३४१ ४३ ज्ञात જાણેલું १४९६ ६८६ મીઠી ખરખોડી, ज्ञातनन्दन ૨૪માં તીર્થકર હિરણ દોરી ११८५ ५५० १३ શ્રીવર્ધમાન સ્વામી ३० १० ६८ જીવન ઔષધ १३६७ ज्ञाताधर्मकथा मनियार अंग (,) પ્રાણ १३६७ ६२७ २४ પૈકી છઠું અંગ २४३ ११४ २३ (जीवाधार) हयनी मंनो मला ज्ञाति સ્વજન, કુટુંબી ५६१ २४७ ५१ આકારનો માંસપિંડ, હૃદય દરર ર૭૧ રર ज्ञान મોક્ષ ३१० १४१ ४३ ... जीवान्तक पारेवा वगैरे ज्ञानप्रवाद પાંચમું પૂર્વ પક્ષીઓને હણનાર ४११ १ (हष्टिवाहनो मेह) २४७ १५ ३४ जीविका આજીવિકા ८६५ ३८० ३५ ज्ञानिन् शानी, ज्योतिषी, हैवश ४८२ २१२ ४७ जीवित १३६७ ६२७ २३ ५९७, धनुष्यनीहोरी ७७६ ३४१ जीवितकाल मायुष्य १३६९ ६२७ ५४ પૃથ્વી ९३६ ४१५ १४ जुगुप्सन २७१ १२५ ४२ ज्याघातवारण हाथ ५२ धनुष्यनी छोरी जुगुप्सा દુગંછા દોષ- તીર્થકરોમાં ન લાગે તે માટે કરેલો ન હોય તે ૧૮ દોષ પૈકી ચામડાનો બાહુબંધ ७७६ ३४२ ४ ૧૦માં દોષ ७२ १८ १४ | ज्यानि જીર્ણતા, ઘરડાપણું १५२३ ६९८ १२ દુગંછા, બીભત્સ ज्यायस् અતિઘરડો ३४० १५३ १२ રસનો સ્થાયીભાવ ३०३ १३८ ज्येष्ठ જેઠ મહીનો १५४ ५७ १९ (,) २७१ १२५ ४५ મોટા ભાઈ ५५१ २४४ (जुहुराण) અગ્નિ ११००-शे. ५०३ १४ કલઈ ___ १०४२-शे. ४६९ ५२ सु५, यशपात्र विशेष, ज्येष्ठश्वश्रु पत्नीनी मोटी डेन ५५४ २४५ २३ धीहोमवानो स२वो ८२८ ३६७ २१ ज्येष्ठा જ્યેષ્ઠા નક્ષત્ર ११३ ३९ ११ जूटक અંબોડો ५७०-शे. २५१ ४४ क्यली मागणी ५९३ २६२ जूर्णाह्वय જુવાર ११७८ ५४६ २८ ज्येष्ठामूलीय ४४ महीनो १५४-शे. ५७ २८ जृम्भण બગાસું १५०६ ६९० ३६ ज्येष्ठाश्रमिन् गृहस्थ माश्रम ८०८ ३५८ ६ जृम्भा १५०६ ६९० ३६ ज्योतिरिङ्गण पोत, मागासो वडो १२१३ ५६२ ९ વિજય મેળવનાર ७९३ ३५० ४६ ज्योतिर्मालिन् , , ,, १२१३-शे. ५६२ १ जेमन ભોજન, ખાવું તે ४२४ १८७ २४ ज्योतिष् ३२९ ९९ ३१ १९ छतवा योग्य ७९३ ३५० ५५ નક્ષત્ર, તારા १०७ ३६ ४० जैत्र वि४५ भेजवनार ७९३-शे. ३५० ५० વેદનું પાંચમું અંગ (जैन) हैन, स्थावाहवाही, माईत ८६१ ३७९ ३ જ્યોતિષશાસ્ત્ર २५० ११७ ६ जैवातृक ચંદ્રમાં १०५ ३४ ४५ | ज्योतिष्क ज्योतिषित वोन नाम ९२ २६ ५५ सांनी सावरावाणो ४७९ २११ २० (ज्योतिस्) मांजनी ५७५ २५४ ५० जोङ्गक અગર, અગર ६४० २८३ ज्योतीरथ ध्रुवननाम १२२-शे. ४३ ११ जोटिन् શંકર २००-शे. ८९ १३ । ज्योत्स्ना यंद्राश १०७ ३८ ९ નિંદા जेतृ जेय Jain Education Intemational For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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