Book Title: Vyutapatti Ratnakarakalita Abhidhan Chintamani Nammala
Author(s): Hemchandracharya, 
Publisher: Rander Road Jain Sangh

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Page 1084
________________ अभिधानचिन्तामणिनाममाला १०४३ ग्रन्थाः ग्रन्थकाराश्च हर्षः ३७५५१३८३] ४० | ३८७/५२ ४६० १०४६४| ४७ | | ५०९ २५४०/ ४२ | ५७२|३१| ६२२/४७/६३४ ८ ६६१ १०६६९ ५८ ६८५ २९६९६३९ हलायुधः २०.२० ० ३० २५/३२ १५० ३।२५० २ १५७ २८ २५२ २ १६२ |६|१७८८१७८ |६० १७९ | १७/१८१ | १४ | १८२| १६ | १८२ १९५ ५८/१९९] ४८ | २१०|२२| २१० २६ २१० ४२ | २२०/ २८ | २२० । २२६ | ३७/२३५/ १६ | २३५/२७/ २३५/४४२३६] ३६ | २३८| ३ | २४० २८९| ५०/२९० ५ २९३/ २२ २९४ | ५० | ३०१ | ५२ ३०२ | ४६ ३०६ ३६/३१४| २६ | ३१६ २/३२४६१३३१ ३३२ ४३३२ १० ३३२, ४०३३३/ ३६ | ३३३/४८ ३३४ | ३९३४० ४७ | ३४४ | ३९ | ३४४ ३५४| ३०३६२३१ | ३६३|१३| ३७० ५७/३७१/ १४ | ३७३/६१३७७ ३७७ ३१|३७७/ ३८ | ३७७/४७/ ४१८] २८/४२३] ३२ ४२४ ३४] ४२७ ४९ ૪૧ ૩૧|૪૫૦/ ૨૨ ૪૧૨૨ ૪૧૨ ૩૬ ૪૨ ૧૭ ૪૫૪ ૪૩|૪૫૮ ૩૫ ४६०३०४६५, ३३ ४६६ | १८४६७/११/४७२/५३ ४७४/ २०४९९ ५८४ | ३५ ५८४| ४५ ५८५ ६ ५८६ ३५ ५८७ | १३ | ५८७ | ४९ ६०९ | १४ हलायुधकाव्यम् २९६ | ५३४४| २३ | ६११ | ३३ ६११ | ४७ ६१५] ८ ।। हलायुधटीका ५२२ १२ ५७७ ५८०| ११ | ५८०४८ ५८४ ३ ६१२ | ५२ | ६१४ ४५ ६१६, ३ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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