Book Title: Vyutapatti Ratnakarakalita Abhidhan Chintamani Nammala
Author(s): Hemchandracharya,
Publisher: Rander Road Jain Sangh
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अभिधानचिन्तामणिनाममाला
१०२७
ग्रन्थाः ग्रन्थकाराश्च
पृ. | पं. | पृ. | पं. | पृ. | पं. | पृ. | पं. | पृ. | पं.
पृ. | पं.
भागवृत्तिः भागुरिः
३३ १४ ६०
८
६८४२
७६ २७/ ९६
३३ | १२६ । | ३३ | १२७ | १०
१५३ | २१|१५७/ ६१८०४९ | १८९ ८२०६८/२२६ |
४|२६८
२७५ | ११|२९४| २८ |३३४|३१| ४०० १०५१५
२
५२६ |५०५५५
५६९/११/५८५ ३२ ६२१ ४८] ६८६५१
भानुदत्तः
भारतटीका
भारतम्
७६ १९
७६ | २९ / ९८१६ ३२९ / २१ |३७४ | ३३ | ४३४ | ३३ | ४४१ / १६
४९०३९
५०२/ ३३
भारवि:
५४८ १८६६६
भाषावृत्तिः भाषावृत्तिकृत्
३६ | ३७ ४८/ ४८ १४२|४९ | १४५ | २१ २९३ | ४१ |६८१ | २६ । । १३९ | ४०/२२२] २५ | ४९१/१८/५८५ | ३८ ६४०८ ६४०
| ९० ३११६ ७|१५१ १६ २२२ | २२
भाष्यम्
२४१ | १२ | २४१
| २२
२४८३१ ४६१] ५०४६७ ५५४८१ | ४१/४८२२०४८४ २४८४ | १०
४८९| ५५४९०२४ ५०१] ३/५५४] २१६९३ ३८६९९| २६
भाष्यकार:
६६ १०३८४
३
भास्कराचार्य:
३९२
२
३८६/५०
भिक्षाकरगुप्तः भीमः
१८५५१
भीमसेनः
|४४१ | २८
४४१ / २८
भोजः
भोजराजः
३२ ३५ ३८] ६६ १६९/१३ | २०५३५/२०८ | १२ | ३५१|३४|४०६ ४४८|२९| ४५५ १ |५१२ २४ / ५३८ / ५३ | २८६ | ३८ ६४० ४ |४०१ | १७ ५२२ ८
। । १७५ ३७ |१७६] ४० | १७७/८/१७७ | ३४|१७७ | ४६ | १७७ | ६१ | १७८
मदनपालः (मदनः)
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