Book Title: Vidyaratna Mahanidhi Author(s): Bhadraguptasuri, Publisher: Mahavir Granthmala View full book textPage 5
________________ D Jain Education International मः न ॐ गा श्रीँ अ प्रथमाधिकारे पंचम लोकस्य (५) यंत्रे पान २ पुष्पी, मोतुंग महानिमित्त कुसवाणं, औनमो बिच इट्टीपल ऑनमो: औनमो विषाण, ओं नमो ओहि निमार्ण, ऑनयो परमो हि निभाएं, ॐ नमो ज्युमवर्ण, ऑनमो दिउल म्हणं, औनयो बस पुर्ण, औ जयो को इस वि For Personal & Private Use Only फट् 000 फ्रा अ bc. हा ति स्वा P KE से सम्मोहन, मो अनंतोहि निधार्थ, औनमो बुध्दी, र, नमी-चापभाग, ओं नमो पानं नमो आगा गांधी, मुं प्रथमाधिकारे चतुर्दश लोकस्य (१४) यंत्र पान ६ 0000 CIOC www.jninelibrary.orgPage Navigation
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