________________ कार्बन का परिपाचन 166 है या एक विद्युत चुम्बकीय लेखक द्वारा एक घूणित ढोल पर अनुक्रम से बिन्दु बनाती है (चित्र 102) / स्वतः क्रिया की प्रणाली व्यक्तिगत अवलोकन की सब त्रुटियों को दूर करती है। यह इतनी अधिक संवेदनशील होती है कि कार्बोहाइड्रेट के एक ग्राम के दस लाखवें भाग जितने लघु निक्षेप (Deposit) का भी माप लेना सम्भव होता है। चित्र १०२-प्रकाश-संश्लेषण का स्वतः अभिलेखक। (S) डाट के साथ बुद्बुद यन्त्र; (E), पारद (M) की बूद से वैद्युत्स्पर्श को पूर्ण करने के लिए पेंसिल; (A). समायोजक पंच; (V), वोल्टीय सेल; (C) संघनित्र; (D) घणित ढोल; (W), वैद्युत्चुम्बकीय अभिलेखक (G) प्रेरक, (P) पर पृथक् कब्जेदार लीवर (H) के साथ दिखाया गया; (I), स्याही अभिलेखक / वैद्युत घंटी अदृश्य है। इस यंत्र की व्यावहारिक क्रिया का चित्रण करने के लिए मैं निम्न उदाहरण दूंगा / यंत्र के साथ पौधा इस प्रकार रखा जाता है कि उसका मुख उत्तर की ओर हो; प्रत्येक बार जब यह अवशोषित कार्बन डाइआक्साइड की समान मात्रा में ऑक्सीजन को निष्कासित करता है तो घंटी बजती है। अब यदि कोई प्रकाश को रोक कर खड़ा हो जाय, परिपाचन मन्द हो जाता है, और घंटी अब देर में बजती है। जब पौधे पर तीव्र प्रकाश फेंका जाता है, घंटी पर क्रमिक आघात द्रुत हो जाते