Book Title: Vanaspatiyo ke Swalekh
Author(s): Jagdishchandra Vasu, Ramdev Mishr
Publisher: Hindi Samiti

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Page 197
________________ पौधे को तंत्रिका 176 15 सेकेण्ड है / अतएव प्रेरणा का वेग 30/1:5 या 20 मिलीमीटर प्रति सेकेण्ड होता है। उत्तेजना के पारेषण के वेग का यथार्थ न्यूनन पौधे की जीवनीय दशा पर निर्भर है। यह ग्रीष्मकाल में शीतकाल से अधिक होता है / दूसरा अजीब तथ्य जो दिखाई पड़ा, वह यह है कि जब एक स्थूल प्रादर्श की अनु क्रिया मन्द होती है, एक दुर्बल प्रादर्श अति लघु समय में उत्तेजना की पराकाष्ठा तक पहुँच जाता है / मनुष्य-प्रादर्श में भी ऐसी भिन्नता अज्ञात नहीं है। लाजवन्ती के एक दुर्बल पर्णवन्त में वेग 24000 मिलीमीटर प्रति मिनट या 400 मिलीमीटर प्रति सेकेण्ड की गति का हो सकता है जब कि लाजवन्ती में आवेग का वेग उच्चतर प्राणियों के वेग से कम है, इसका वेग अदन्त (Anodon) जैसे लघु प्राणियों के वेग से अधिक है। इसलिए पौधे का वेग इन दोनों के मध्य का मानना चाहिये / तापमान के बढ़ने-घटने से लाजवन्ती और प्राणी की तंत्रिका का पारेषण-वेग एक सीमा के भीतर बढ़ता-घटता है / लाजवन्ती में तापमान के प्रायः 6deg तक बढ़ने पर वेग दूना हो जाता है। . दैहिक बाधा द्वारा प्रेरणा का रुकना संरचना के एक विशेष लम्बे भाग को, जिसके बीच से आवेग जाता है, इस प्रकार साधित किया जा सकता है कि इसके मार्ग की गति मन्द या बन्द की जा सके (चित्र 106). / शीत से बाधा--पर्णवृन्त के एक भाग का तापमान जब शीतल जल द्वारा कुछ कम किया गया, पारेषण का समय बढ़ गया, जैसा कि अभिलेख में दिखाया गया है। अत्यधिक हिम-शीतल जल द्वारा संवाहन-शक्ति नष्ट हो गयी (चिन 107) / यह दिखाने के लिए कि शीतलता के स्थानीय उपयोग द्वारा संवाहन की शक्ति के नष्ट होने से पीनाधार की उत्तेजना में कोई अन्तर नहीं पड़ता, पीनाधार को एक प्रत्यक्ष आघात दिया गया, जिसने स्वाभाविक अनुक्रिया की। इस विषय के सम्बन्ध में मुझे एक रोचक तथ्य का पता चला जो कड़े शीत . * की तीव्रता के बाद के प्रभाव के रूप में संवाहन के पक्षाघात से सम्बन्धित है। यह पक्षाघात ऊतक के तापमान के स्वाभाविक हो जाने पर भी प्रायः एक घण्टे तक बना रहा / मनुष्यों में कई प्रकार के पक्षाघात का उपचार विद्युत्-आघात द्वारा होता है और मुझे इस प्रबोधक तथ्य का पता लगा कि पौधे की नष्ट संवाहक शक्ति पर्णवृन्त के पक्षाघात-पीड़ित भाग पर विद्युत्-आघात कर बहुत जल्दी पुनर्जीवित की जा सकती है।

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