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११ अनगार, १२ भिक्षु, १३ श्रमण, १४ निग्रन्थ, १५ स्थदिर, १६ तापस, १७ फकीर, १८ संत, १६ कतिपय जगप्रसिद्ध संत महात्मा, २० माधुओं के गुण, २१ साधु संगति, २२ संतों का संताप, २३ साधुओं की गोवरी, २४ गोचरी के भेद, २५. गोचरी के नियम, २६ साधु का आहार, २७ आहार किसलिए, २८ साधुओं का निवास स्थान, २६ साधुओं के वस्त्र ३० साधुओं के पात्र ३१ साधुओं का विहार, ३२ माधु की भाषा, ३३ साधुओं के लिए कल्प-अकल्प, ३४ माधुओं के सुख, ६५ साधुओं के बारह तभी का कि ३६ साधुओं को शिक्षा, ३७ नामधारी साधु, ३८ पापी साघु, ३६ कंदादि में लीन साघुओं की गति ।
चार कोष्ठकों में कुल १४१ विषय तथा इस भागों में
लगभग १५०० बिषय हैं।