Book Title: Uttara Purana
Author(s): Gunbhadrasuri, Pannalal Jain
Publisher: Bharatiya Gyanpith

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Page 684
________________ उत्तरपुराणम् नलिनकृट-एक वक्षारगिरि . ६३।२०२ नलिना-विदेहका एक देश ६३।२११ नागपुर-आर समुच्चय देशका एक नगर ६८४ नागमाल-एक वक्षारगिरि ६३।२०४ नाभेयसीम-एक पर्वत ६२ २८१ नारी-एक महानदी ६३३१९६ नित्यालोकपुर-धातकीखण्ड द्वीर के पूर्व भरनक्षेत्र सम्बन्धी विजयाध पर्वतकी दक्षिण श्रेगोका एक नगर ७१.५० निषध-एक सरोवर ६३।१९८ निषध-जम्बूद्वीपका तीसरा कुलाचल ६३.१९३ नील-जम्बूद्वीपका चौथा कुलाचल ६३।१९३ नीलवान्-एक सरोवर पद्मावती-विदेहका एक देश ६३३२१० पद्मावती-विरहको एक नगरी ६३१२१४ पद्मिनीखेट-एक नगरका नाम ६२ १९१ पद्मिनीखेट-जम्बूद्वीप सम्बन्धी मेरुपर्वतकी उत्तर दिशाका एक नगर ६३.२६३ पर्णकान्ता- एक नदी ६३१२६६ पलाशकूट-जम्बूद्वीपके भरत. क्षेत्रका एक ग्राम ७१।२७८ पलाशनगर-पलाशद्वीपका एक नगर ७५।२७ पल्लव-एक देश ७२।१९६ पाटलिपुत्र-पटना नगर ७६।३९८ पाटलिपुत्र-एक नगरका नाम, जिसमें भगवान् धर्मनायका मुनि अवस्था सम्बन्धी प्रथम बाहार हुवा था ६११४० पावापुर-बिहारका पावापुर, जहाँसे भगवान् महावीरको मोक्ष हुआ था ७६।३८ पुण्डरीक-एक सरोवर ६३।९८ पुण्डरीकिणी-विदेहके पुष्कलावती देशकी एक नगरी ६२८६ पुन्नागपुर-जम्बूद्वीपक भरतक्षेत्र का एक नगर ७११४२९ पुष्पकरण्डक-पोदनपुरका एक कुसुमोद्यान ७४।१४२ पुष्करद्वीप-मध्यलोकका तीसरा द्वीप । इसके ठीक बीच में चूड़ीके आकारका मानुषोत्तर पर्वत पड़ा हुआ है। वहींतक मनुष्योंहा संचार होता है। ५४१८ पुष्करपुर-एक नगर ५९४२३० पुष्कलावती-जम्बूद्वीपके विदेह का एक देश ६३३१४२ पुष्कलावती-गन्धारदेशका एक नगर ७११४२५ पुष्पक-राजपुरका एक वन ७५१४६९ पुष्परम्य-कमलोंसे सुशोभित एक तालाब ७०१२५३ पृथिवीतिलक-एक नगर ५९२४१ पृथिवीनगर-विदेह क्षेत्रके वत्सकावती देशका एक नगर ४८५८ पोदन-सुरम्यदेशको राजधानी पोदनपुर ५९।२०९ प्रमरा-विदेहको एक राजधानी ६३.२१४ प्रभाकरी-वत्सकावती देशकी एक नगरी ६२.७५ प्रत्यन्तनगर-एक नगर ७८९ प्राग्विदेह-पूर्व विदेह क्षेत्र ४८५८ प्रियङ्कर-धरणिभूषण पर्वतपर स्थित एक बन ७६।२२० प्रियङ्गखण्ड-वाराणसीका एक वन ७०:१९१ प्रियङ्गखण्ड-एक वन ५९।२७४ प्रीतिकर-एक वन ५९१७ प्रीतिङ्कर-ऊर्ध्वग्रंबेयकके ऊर्ध्व विमान ५९।२२७ प्रीतिवधन-राजपुरका एक उद्यान ७५.३१५ [फ] फेनमालिनी-एक विभंगानदी ६३।२०७ [ब] बग-बंगाल ६९।१८ बलमद्र-महेन्द्र स्वर्गका एक विमान ७६।१९९ ब्रह्मलोक-पांचवा स्वर्ग ४८ ३४ [भ] म लिदेश-एक देश ४८११२७ भगली-घोड़ोंका एक देश ७३।१२० नृलोक-अढाई द्वीप : जम्बूद्वीप, लवणसमुद्र, धातकीखण्ड द्वीप कालोदधि समुद्र और पुष्क. रार्धद्वीर। ये सब मिलकर नृलो-मनुष्यलोक कहलाते हैं । मनुष्योंका निवास इन्हीं में है ६१११२ [प] पकप्रमा-दौया नरक ५९।२३८ पङ्कवती-एक विभंगानदी पद्म-एक सगेवर ६३।१९७ पद्म-जम्बूद्वीपके पश्चिम विदेह का एक देश ७३।३१ पद्मकूट-एक वक्षारगिरि ६३।२०२ पद्मखण्डपुर-भारतका एक देश ५९।१४८ पद्मा-विदेहका एक देश ६३।२१० Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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