Book Title: Uttara Purana
Author(s): Gunbhadrasuri, Pannalal Jain
Publisher: Bharatiya Gyanpith

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Page 724
________________ ६९६ विद्युद्गति-त्रिलोकोत्तम नवर. का राजा एक विद्याधर ७३।२६ विद्युबम-मेषवाहन और मेष. मालिनीका पुत्र ६२७२ विद्यत्प्रम-पोइनपुरके राजा विद्युदाबका पुत्र ७६५३ विद्यामा-श्रीषेण राजाको सिंहनन्दिता रानीवा जीव, सौधर्म स्वर्गके श्रीनिलय विमान में देवी हुई ६२।३७५ विद्युदंष्ट-क दृष्ट विद्याधर ५९.११७ विद्युदंष्ट्र-ननकीका भाई ६२.५०३ विद्युदंष्ट्र-अलकाका राजा ६३०२४१ विद्युदंष्ट्र-राजा कालसंवरके पाँचसी पुत्रोंमें प्रमुख पुत्र ७२।८५ विद्यद्वेग-गगनवल्लभ नगरका राजा ७१५४१९ विद्युद्वेगा-गगनवल्लभ नगरके राजा विद्युद्वैगेकी स्त्री ७११४२० विद्युद्वेगा-विद्युन्माली इन्द्रकी देवी ७६।३३ विद्युद्राज-सुरम्यदेशके पोदन पुरका राजा ७६।५३ विद्युन्मति-वीतशोक नगरके राजा चक्रवत्रकी दूसरी स्त्री ६२१३६६ विद्युन्माला-वस्वालयके राजा वज्रपाप बोर रानी सुभद्राको पुत्री-वनमाकाका जीव ७०.७७ विद्युन्माला-विद्युद्गतिकी स्त्री ७३।२७ विद्युन्माली-ह्मास्त्रगंका इन्द्र ७६.३२ उत्तरपुराणम् विचुल्लता-गुणमालाकी कसी ७५.३५२ विद्युल्लेखा-कान्तपुरके राजा सुवर्णवर्माकी स्त्री ७२८१ विनमि-भगवन् बादिनायके सालेके लड़के विनयन्धर-श्रेपुरके राजा वसुन्धरका पुत्र ६९.७६ विनयन्धर-एक मुनिराज ७२।१५४ विनयन्धर-एक मुनि ७५०४१२ विनयवती-राजगृहीके वैधाण - दत्त सेठको स्त्री ७६१४७ विनयश्री-अयोध्याके राजा रुद्रको स्त्रो ७१.४१७ विनयश्री-उज्वपिनीके राजा विजय और रानी बपरा. जिताकी पुत्री-हस्तिशीपंपुर के राजा हरिषेणको स्त्री ७१४४४ विनयश्री-राजगृहं के वैश्रवण. दत्त मेठ और विनयवतीकी पुत्री ७६।४८ विन्ध्यशकि-मलयदेशके विन्ध्यपुरका गया ५८६३ विन्ध्यसेन-गान्धार देशके विध्यपुर नगरका राजा विमीषण-अहहास और जिनइत्ताका पुत्र-रत्नायुषका बीव ५९२७८ विमीषण-नारायणका जीवदूसरी पृथिवीमें स्थित ५९.२८१ विमीषण-रावणका भाई ६८॥३९२ विमल-तेरहवें तीर्थकर विमल नाथ ५९६१ विमल-आगामी बाइसवें तीर्थ कर ७६.४८० विमलकीर्ति-विदेहक्षेत्रगत कच्छ देश सम्बन्धी क्षेमपुर मगरके राजा विमलवाहनका पुत्र ४९६७ विमलचन्द्र-ज्जनका सेठ ७१।२११ विमलप्रम-राजा श्रीषेणको स्त्री अनिन्दिता सौधर्म स्वर्गके विमलप्रभ विमान में विमलप्रम नामका देव हुई ६२१३७७ विमलप्रभ-एक मुनि ६३।१२१ विमलप्रम-एक मुनि ७२।४. विमलप्रमा-भगवान् श्रेयान्स नाथकी पालकी ५७१४७ विमलमति-एक मुनि ६२.४०७ विमलमति-एक गमिनी ६३३१२४ विमलवती-पोदनपुरके राजा विद्य द्वाजकी स्त्री ७६१५४ विमलवाहन-वत्सदेशके सु. सीमानगरका राजा ४८।४ विमलवाहन-भगवान् .अजितनापका जीव-सुसीमानगर. का राजा ४८१५४ विमलवाहन-विदेह सम्बन्धी कच्छ देशके क्षेपपुर नगरका राजा ४९।२ विमलवाहन-एक मुनि ५०।११ विमलवाहन-तेरहवें तीर्थकर विमलनाथ ५९।२२ विपुल-अ गामी पन्द्रहवें तीर्थ कर ७६।४७९ विपुलमति-एक पारण ऋद्धि धारी मुनि ६२।१६९ विपुरमति-एक मुनि ६२१४०७ विपुलमति-एक मुनिराज ७३.४५ विपुलमति-एक चारण ऋद्धि धागे मुनि ७५.३०८ विपुलमति-पकचारण ऋद्धि धारी मुनि ७६।२७० विपुलमति-एक चारण ऋद्धिधारी मुनि ७६।३५१ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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