Book Title: Uttara Purana
Author(s): Gunbhadrasuri, Pannalal Jain
Publisher: Bharatiya Gyanpith

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Page 734
________________ ७०६ उत्तरपुराण स्तिमितसागर-जम्बूद्वीप-वत्स- स्वयम्प्रमा-राजा चन्द्राम और कावती देश की प्रभाकरीपुरीका सुभद्राकी पुत्री ७४।१३५ . राजा ६२१४१२ स्वयम्भू-भगवान् विमलनायके स्तिमितसागर-अन्धकवृष्टि और समयमें होनेवाले एक चक्रवर्ती ५९।६३ सुभद्राका पुत्र ७०।९५ स्थावर-शाण्डिल्य और पार स्वयम्भू-विदेहके तीर्थकर शरीका पुत्र ७४।८३ ५९।१११ स्थावर-भगवान् महावीरके पूर्व स्वयम्भू-भगवान् कुन्थुनाथका भवका जीव ७६.५३८ प्रमुख गणधर ६४.४४ स्थूणगन्ध-गोदनपुरके राजा स्वयम्भू-भगवान् पार्श्वनाषका चन्द्रदतके पुत्र इन्द्रवर्माका प्रमुख गणधर ७३३१४९ प्रतिद्वन्द्वी ७२२२०५ स्वयम्भू-बागामी उन्नीसवें तीर्थकर ७६६४८. स्मर-प्रद्युम्न ७२।१६९ स्वयम्भू-भगवान् वासुपूज्यका स्मरतरङ्गिणी-एक शय्या मुख्य प्रश्नकर्ता ७६५३० ७५.४३४ स्वयम्भूकेशव-स्वयम्भूनामका स्वयम्प्रभ-विदेहके एक तीर्थ नारायण ७१२९८ कर ४९७ स्वयंवर-भारत क्षेत्रके साकेत स्वयम्प्रम-एक तीर्थकर ५४१९४ बगरका राजा-भगवान् स्वयम्प्रम-विदेहके एक तीर्थ अभिनन्दननाषका पिता कर ६२२४२५ ५०।१७ स्वयम्प्रभ-विदेहके तीथंकर स्वर्णचूल-एक देव-विजयका ६२१५०७ जीव ६७।१४६ स्वयम्प्रम-जम्बूद्वीप विदेहक्षेत्र स्वर्मानु-सुभानुका नामान्तर को पुण्डरीकिणी नगरीके एक ७०।४५१ तीर्थंकर ७०।४२ स्वामिहित-अयोध्याके राजा स्वयम्प्रम-स्वयम्प्रभद्वीपका एक वजवाहका मन्त्री ७३।४ देव ७१।४५२ स्वयम्प्रम-विदेहके एक तीर्थकर ७२०६९ हयकन्धर-यश्वग्रीवका दूसरा स्वयम्प्रम-आगामी चौथे तीर्थ नाम ५७.१०० कर ७६५४७८ हयग्रीव-अश्वग्रोवका दुसरा स्वयम्प्रमा-ज्वलनजटी और नाम ६२॥१४२ । वायुवेगाकी पुत्री ६२१४४ हरि-श्रीकृष्ण ७११५ स्वयम्प्रभा-हिमवान्की स्त्री हरिगिरि-चम्पापुरके राजा ७०.९८ मार्कण्डेयकी सन्तान ७०.९१ स्वयम्प्रमा-रथनूपुर नगरके हरिचन्द्र-एक चारण ऋद्धिराजा सुकेतुको स्त्रो-सत्य. पारी मुनि ५११२३३ भामाकी माता ७११३१३ हरिचन्द्र-बागामी पौषा बल- स्वयम्प्रमा-स्वयम्प्रभदेवकी एक भद्र ७६१४८६ देवी ७११४५१ हरिपुत्र-प्रद्युम्न ७२।११३ हरिबल-राजा पुरुषल चौर ज्योतिर्मालाका पुत्र ७१।३११ हरिवक-अलकाका निवासी - एक विद्याधर ७६६२६३ हरिवर्मा-अङ्गदेश-बमापुरका राजा-मुनिसुव्र नायका तृतीय पूर्वमव ६२ हरिवाहन-मन्दपुरके राजा हरिषेण और रानी श्रीकान्ताका पुत्र ७१०२५४ हरिवाहन-एक विद्याधर बिसे कनकमासाने स्वयंवरमें वरा पा ७११४०६ हरिविक्रम-एक भीलोंका राजा ७५।४७८ हरिशर्मा-एक ब्राह्मण ६५६१ हरिश्मश्रु-अश्वग्रीवका मन्त्री ६२०६१ हरिषेण-ममवान् मुनिसुव्रतनाथ. तीर्थ में हुआ एक चक्रवर्ती ६७।६१ हरिषेण-नन्दपुरका राजा ७१०२५४ हरिषेण-हस्तिशीर्षपुर नगरका राजा ७१४४४ हरिषेण-राजा वज्रसेन बोर रानी शीलवतीका पुत्र ७४।२३२ हरिषेण-भगवान् महावीरका पूर्वभवका जीव ७६१५४१ हरिषेणगुरु-एक मुनि ६७४२३६ हरिवेज़ा-एक आर्यिका ६३१४९३ हरिषेणा-श्रीषेन बौर श्रीकान्साकी पुत्री ७२२२५४ हिमगिरि-पम्पापुरके राजा माकंभयको सन्तान १९१ हिमवान्-बन्धकवृष्टि और सुभद्राकासुत्र ७९६ हिरण्यमति-एक बायिका, जो रानी रामदत्ताको सम्बोषनेके लिए पायी पी ५९।१९९ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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