Book Title: Uttara Purana
Author(s): Gunbhadrasuri, Pannalal Jain
Publisher: Bharatiya Gyanpith

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Page 722
________________ वज्रनाभि-अश्वपुरके राजा वज्रवीर्य और रानी विजया का पुत्र ७३.३२ वज्रबाहु-कौशल देशमें स्थित अयोध्याका राजा ७३।४२ वत्रमालिनी-त्रिपुर नगरके राजा वज्राङ्गदकी स्त्री ६३।१५ वज्रमाली-एक विद्याधर ७०।१०४ वज्रमुष्टि-राजा सिहसेनका एक मल्ल ५९।१७५ वज्रमुष्टि-दृढप्रहार्य (दृढ रहार) और वप्रधीका पुत्र ७१।२१० वज्रवीर्य-जम्बूद्वीप सम्बन्धी विदेहक्षेत्रके पद्मदेशमें स्थित अश्वपुरका राजा ७३1३२ वज्रसेन-साकेत नगरका एक राजा ७४।२३१ वज्राङ्गद-त्रिपुर नगरका राजा विद्याधर ६३।१५ वज्रायुध-चऋपुरके राजा अपराजित और रानी चित्रमाला का पुत्र-यह रश्मिवेगका जीव था ५९।२४० वज्रायुध-चक्रायुधका पुत्र ५९।२४५ वज्रायुध-रत्नसंचय नगरके राजा क्षेमंकर और रानी कनकचित्राका पुत्र ६३१३९ वटवृक्ष-हरिविक्रमका सेवक ७५३४८० वनमाला-कौशाम्बीके सुमुख सेठकी स्त्री ७०१६७ वनमाला-वीतशोक नगरके राजा महापद्मकी स्त्री ७६। उत्तरपुराणम् वप्रश्री-साकेतके बहदास सेठकी स्त्री ७२.२६ वप्पिला-मिथिलाके राजा विजय महाराजकी स्त्रीभगवान् नमिनाथकी माता ६९.२५ वरचन्द्र-चन्द्रप्रभ भगवान्का पुत्र ५४,२१३ वरचन्द्र-आगामी छठवां बल. भद्र ७६६४८६ वरचर्म-एक के वली ६९।७५ वरतनु-वैजयन्त गोपुरका अधि ष्ठाता एक देव ६८४६५१ वरदत्त-सगर चक्रवर्तीके पुत्र भगीरथका पुत्र ४८।१३८ वरदत्त-एक देवली ६९।८८ वरदत्त-एक राजा, जिसने मग. वान् नेमिनाथको मुनि अत्रस्थामें प्रथम आहार दिया था ७१।१७५ वरदत्त-भगवान् नेमिनाथका प्रमुख गणधर ७१०१८२ वरदत्त-भगवान् नेमिनायके गणधर ७२१२ वरदत्त-धनपाल और श्रीदत्ता का पुत्र ७५।२५९ वरधर्म-एक मुनि ५९।१८९ वरधर्म-एक चारण ऋद्धिधारी मुनि ६२।७३ वरधर्म-उज्जैनके श्मशानमें स्थित एक मुनि ७१।२१७ वरधर्म-एक मुनि ७१६३१० वरधर्मयति-एक मुनि ७५।६७४ वरसेन-दृढरथ और सुमतिका पुत्र ६३३१४८ . वरसेन-एक राजपुत्र ६३११६२ वरसेन-चक्रपुरका राजा ६५:१७६ वरसेन-महासेन और सुन्दरीका पुत्र ७६।२६५ वरुण-कंसका निमित्तज्ञानो ७०।४१२ वरुणा-कमठकी स्त्री ७३.१० वरुणाय-एक मुनि ७२।२३५ वर्धमान-भगवान् महावीर ७४।१ वसन्तसेना-समुद्रसेन और जय सेनाकी पुत्री ६३।११९ वसन्तसेना-चम्पापुरकी एक वेश्या ७।२५८ वसिष्ठ-जठरकौशिक बस्तीका स्वामी एक तापस ७०।३२३ वसु-राजा विश्वावसु और श्री मतीका पुत्र ६७।२५७ वसुगिरि-चम्पापुरके राजा मार्कण्डेयकी सन्तति ७०।९२ वसुदेव-अन्धकवृष्टि और सुभद्रा का पुत्र ७०।९७ वसुदेवसुत-श्रीकृष्ण ७१६८९ वसुधा-मिथिलाके राजा जनककी स्त्री। ६८०२७ वसुन्धर-ऐरावत क्षेत्रके श्रीपुर नगरका राजा ६९७४ वसुन्धरकुमार-जीवन्धर का गन्धर्वदत्तासे उत्पन्न पुत्र ७५१६८१ वसुन्धरा-प्रभाकरीषुरीके राजा स्तिमितसागरकी स्त्री ६२।४१३ वसुन्धरा-राजा सुमित्रकी स्त्री ७५१४३९ वसुन्धरा-महासेन और सुन्दरी. की पुत्री ७६।२६५ वसुन्धरा-वह कन्या जो गूगी बनकर रहती थी और प्रीतिकरको विवाही गयो ७६६३४७ वसुन्धरी-श्वेतविकाके राजा वासवकी स्त्री ७१२२८३ | वसुन्धरी-अरविन्दकी स्त्रो ७३।१० वनराज-हरिविक्रम भीलोके राजाका पुत्र ७५।४८० वप्रश्री-दृढप्रहार्य (दृढप्रहार) की स्त्री ७१।२१० Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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