Book Title: Uttara Purana
Author(s): Gunbhadrasuri, Pannalal Jain
Publisher: Bharatiya Gyanpith

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Page 720
________________ ६९२ यक्षता - पलाशकुट के राजा यक्षदत्त की स्त्रो ७१ । २७९ पक्षीश लिखामके निवासो यक्ष और देवरुंनाकी पुत्री ७१।३९० यक्षमाली- किरका राजा, नमिका मामा ७१.३७२ यक्षमित्र-श्रीचन्द्राका भाई ७५।४९१ यक्षिल-यक्षदत्त और यक्षदत्ताका दूसरा पुत्र ७१।२७९ यक्षिल - कृष्णका पूर्वभवका भाई जो महाशुक्र स्वर्ग में देव हुआ या ७१।३७९ यक्षिला - भगवान बरनाथ के संध की एक प्रमुख अधिका ६५।४३ यक्षी - भगवान नेमिनाथके संघ की एक प्रमुख आधिका ७१।१८६ यतिवर एक मुनि ६०.३६६ यतिवृषभ - एक मुनि ६४।७ यमधर - क मुनि ७१।४०७ यमुनादत्ता-मथुरां के भानुदत्त सेठकी स्त्री ७१।२०३ यशस्वती - राजा विश्वसेनकी स्त्री ६३।४१४ यशस्वती - पुन्नागपुर के हेमामकी स्त्री ७१४३० यशस्वती - एक आर्यिका राजा ७५।३२ यशोधर एक मुनिका ४८।६७ यशोधर- एक मुनि, जिनके पास अपराजित बलभद्रने दीक्षा ली थी ६३।२६ यशोधर = एक मुनि ७०१५४ यशोधर एक चारणऋद्विधारी मुनि ७१४२० यशोधरा-वैडूर्य देवका जीव श्रीधराकी पुत्री ५९/२३० यशोधरा- इन्द्रदत्तकी ६३।९२ Jain Education International नाम स्त्री उत्तरपुराणम यशोधरा - राजा वज्रदन्तको स्त्री ७६।१४० यशोबाहु - आचाराङ्ग एक मुन ७६।५२५ यशोभद्र - प्राचारराङ्गके ज्ञाता एक मुनि ७६.५२५ यादव-श्र कृष्ण आदि ७१।७ युगन्धर - विदेवे एक वर के ज्ञाता ५८१७ युद्धवीर्य एक विद्या ६२०९७१ [र] रघु- मोशाम्बीके राजा मघवा और रानी वीतशोकाका पुत्र ७०.६४ रघुपुमुखका मित्र एक राजा ७०१७९ तेजस्रापुरका एक नट ७५/४६७ रति - कुबेर की एक देवी राजा ६३।१६ रति एक देवी ६३।२८९ रविवेगा- अनुपमाका जीव— एक कबूतरी ७५/४५७ रति पेण पृथिवीनगर के जयमेन और रानी जयसेना का पुत्र ४८।५९ रतिषेण विदेहक्षेत्र के पुण्कलाबनी देन सम्बन्धी पुण्डी किणी नगरीका राजा भगवन् सुमनिनायका तृतीय पूर्वभवा जीव ५१/३ रतिषेणा एक देवी ६३।२८९ रत्नकण्ठ- अश्व प्रीवका पुत्र -- ६३।१३५ रत्नमी- प्रदीय-इनकचित्रा का पुत्र ६२.६० रत्नचूड-अश्वनीय मौर कनकचित्राका पुत्र ६२।६० रत्न तेजस् - राजपुरका एक सेठ ७५।४५१ For Private & Personal Use Only नमाला - राजा अतिवेग ओर प्रियकारिणी की पुत्री, बज्रा युध की स्त्री - श्राधराका जीव रत्नमाला-11 के ठ तेज की स्त्री ७५ ४५१ रत्नरथ अश्व और बनव चित्रा का पुत्र ६२.६० रत्नवती- विदेह नगर के राजा गोपेन्द्र और उनकी स्त्रो पृथिवी सुन्दरी की पुषी ७५/६४४ रत्नसेन -रत्नपुरका ६३।१२० रत्नाङ्गद-ग्रीव बोर कनकचित्राका पुत्र ६२६० रत्नायुध-पत्र युध ओर रत्नमालाका पुत्र • यशोधरा आविकावा जीव ५९।२४३ पुत्र राजा रत्नायुध - ६ त्रायुधवा ५९.२४६ रसनायुध अवोका ६३।१३५ रमण-वाराणसी धनदेव वैदय और उसकी स्त्री जिनदताका पुत्र ७६.३१९ रम्भा - एक देवी ६३.१३६ रविकीति- रावणका सेनापति ६८.५३१ रविचूलतेरहवें स्वयं नयावर्त विमानमें उत्पन्न हुए अमितनेज विद्याधरका बीव एक देव ६२०४१० रश्मिवेग सूर्या और यशो घराका पुत्र राजा सिहसेनका जीव, जो पर देव या श्री ५९।२३१ रश्मिवेग- पोदनपुर के राजा विजयका पुत्र ६२।२७५ रश्मिवेग- त्रिलोकोत्तम नगर के राजा विद्युद्गति विद्याधरकी स्त्री विद्युन्मालाका पुत्र म पुत्र www.jainelibrary.org

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