Book Title: Uttara Purana
Author(s): Gunbhadrasuri, Pannalal Jain
Publisher: Bharatiya Gyanpith

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Page 728
________________ उत्तरपुराण श्रेयस्कर-भगवान् श्रेयान्सनाथ का पुत्र ५७।४६ श्रेयान्स-ग्यारहवें तीर्थकर श्रीवर्धमान-भगवान् महावीर ७४।२७८ श्रीवर्मा-राजा श्रीपेण और रानी श्रीकान्ताका पुत्र ५४१६८ श्रीवर्मा-ऐरावत क्षेत्रको अयो. ध्यानगरीका राजा ५९.२८३ श्रीविजय-त्रिपृष्ठनारायण और स्वयंप्रभाका पुत्र ६२११५३ श्रीविजय-विजय बलभद्र का पुत्र ६२।१६५ श्रीषेण-सुगन्धि देशके श्रीपुर नगरका राजा ५४।३६ । श्रीपेण-रत्नपुरका राजा ६२।३४० श्रीपेण-श्रीपुरका राजा श्रेष्ठी-ग्रगामी सातवें तीर्थकर. ___ का जीव ७६३४७२ श्वेतकर्ण-एक हाथी ६३३१५८ श्वेतराम-जमदग्नि और रेणुकी का पुत्र ६५१९२ श्वेतवाहन-चम्पापरका राजा ७६१८ श्रीषण-साकेत नगरका राजा ७२।२५४ श्रीपेण-अङ्गदेशकी चम्पापुरी का राजा ७५1८२ श्रीपेण-हरिविक्रमके पुत्र वन राजका मित्र ७५।४८२ श्रीपेण-आगामी पाँचवाँ चक्रवर्ती ७६६४६२ श्रीपेणा-पहस्रायुधकी स्त्री पण्डवन-एक वन जहाँ भगवान् महावीरने दीक्षा ली थी ७४।३०२ 1 [स] सगर-दूसरा चक्रवर्ती। यह भगवान् अजितनाथके तीर्थ में हुशा है। प्रत्येक उत्सपिणी और अवपिणोके युगमें बारहबारह चक्रवर्ती होते हैं ४८५७ सगर-अयोध्याका राजा ६७। १५७ सङ्गमक-एक देव ७४।२८९ सञ्जय-एक चारण ऋद्धिधारी मुनि ७४।२८२ सञ्जयन्त-वीतशोक नगरके राजा वैजयन्तका पुत्र ५९।११० सञ्जयन्त-एक ध्यानस्थ मुनि सत्यदत्त-भगवान् धर्मनाथका मुख्य प्रश्नका ७६१५३१ सत्यन्धर-हेमाङ्गद देश के राजपुर नगरका राजा ७५॥१८९ सत्यभामा-रत्नपुरके सत्यक ब्राह्मणको पुत्रो-कपिलकी स्त्री ६२.३३१ सत्यभामा-कृष्ण की एक पट्ट. रानी ७१।१२६ सत्यवती-पराशर की स्त्री ७०।१०३ सत्यवीय-भगवान् संभवनाथ का मुरूप प्रश्नकर्ता ७६।५२९ सनरकुमार-सनत्कुमार नामका चक्रवर्ती ६१।१०५ सन्तानक-एक माला जो दिग्विजयके समय लक्ष्मणको मिली ६८१६५४ सन्मति-भगवान महावार ७३।२ समाधिगुप्त-एक मुनि ६३।२४९ समाधिगुप्त-एक तीर्थकर ६६।९४ समाधिगुप्त-एक मुनि ७१।३१८ समाधिगुप्त-एक मुनि ७११४४५ समाधिगुप्त-एक मुनि ७२०२४२ समाधिगुप्त-एक मुनि ७३२८ समाधिगुप्त-एक मुनि ७४।३९. समाधिगुप्त-एक मुनि ७५।४७० समाधिगुप्त-आगामी अठारहवें तीर्थकर ७६।४८० समुद्रगुप्त-एक मुनि ७३१६३ समुद्र विजय-कौशल देशके साकेत नगरका राजा ४८७१ समुद्रविजय-अधिक वृष्टि और सुभद्राका पुत्र ७०९५ समुद्रविजय-द्वारवतीके राजाभगवान् नेमिनाथके पिता ७१।३० समुद्रसेन-वस्त्वोकसारपुरका स्वामी एक विद्याधर राजा ६३।११८ ८ श्रीषेणा-साकेत नगरके राजा थपेण और रानी श्रीकान्ताकी पुत्री ७२।२५४ श्रतधर-एक मुनि ६७।२६२ श्रुतसागर-ज्वलनजटीका मन्त्री ६२।६९ श्रुतसागर-एक मुनि ७४।२३३ श्रेणिक-मगधका राजा- भगवान् महावीरके समवशरणका प्रधान श्रोता ४८०५७ श्रेणिक-आग:मी प्रथम तीर्थकर. का जीव ७६।४७१ श्रेणिक-भगवान् महावीरका मुख्य प्रश्नकर्ता ७६.५३२ श्रेयस-यारहवें तीर्थचर ६२।९१ सञ्जयन्त-एक केवली ६२०२७४ सत्यक-रत्मपुरका एक ब्राह्मण ६२१३२९ सत्यक-यादव पक्षका एक राजा ७१७४ सत्यक-नन्दिवर्धन नामक मुनिराजके संघके एक मुनि ७२।१० सत्यक-गान्धार देशके महीपुर. का राजा ७५।१३ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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