Book Title: Uttara Purana
Author(s): Gunbhadrasuri, Pannalal Jain
Publisher: Bharatiya Gyanpith

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Page 713
________________ व्यक्तिवाचक शब्दकोष ६८५ पद्मनाम-वाराणसीका राजा ६६७० पद्मनाम-भोगपुरका राजा पद्मपुङ्गव-पन्द्रहवा कुलकर ७६१४६६ पाप्रम-छठवें तीर्थंकर ५२११ पचप्रम-आगामी बारहवां कुल कर ७६.४६५ पद्मरथ-मेघपुरका राजा ६२०६६ पद्मरथ-हस्तिनापुरके राजा मेघरथ और पद्मावतीका पुत्र ७०।२७४ पद्मराज-धागामी तेरहवां कुल. कर ७६४६६ पद्मकता-चक्रध्वज और कनक मालिकाकी पुत्री ६२१३६५ पालता-राजा महाबल और रानी कांचनताकी पुत्रीकनकलताका जीव ७५।९८ पमलता-महाबल और कांचन लताकी पुत्री ७५।११८ पद्मश्री-राजगृहीके सागरदत्त सेठ और उसकी स्त्री पद्मावतीकी पुत्री ७६।४६ पद्मसेन-धातकीखण्डके विदेहक्षेत्र सम्बन्धी रम्यकावती देशके महानगरका राजा५९।३ पद्मावती-वीतशोकपुरके राना चक्रध्वज और विद्युन्मतिकी पुत्री ६२ ३६६ पद्मावती-इन्द्रपुरके राजा उपेन्द्रसेनकी पुत्री, जो पुण्डरीक नारायणको विवाही गयी ६५।१७९ पद्मावती-श्रीपुरके राजा वसु घरकी स्त्री ६९७५ पमावती-नरवृष्टिकी स्त्री. ७०११०० पद्मावती-हस्तिनापुरकै राजा मेघरषकी स्त्री ७०।२७४ पद्मावती-अरिष्टपुरके राजा हिरण्यवर्माकी स्त्री ७०.३०७ पद्मावती-प्रथुराके राजा उग्रकेनकी स्त्री ७.३४१ पद्मावती-कृष्णकी एक पट्टरानी ७१।१२७ पद्मावती-अरिष्टपुरके राजा हिरण्यवर्मा और रानी श्रीमती की पुत्री ७१।४५८ पद्मावती-राजपुरके वृषभदत्त सेठकी स्त्री ७५.३१५ पद्मावती-राजगृहीके सागरदत्त सेठकी स्त्री ७६।४६ पद्मावतीक्षान्ति-पद्मावती आयिका ७१।४५६ पद्मोत्तमा-चन्द्राभ नगरके राजा धनपति और रानी तिलोत्तमाको पुत्री ७५।३९१ पद्मोत्तर-पुष्कराद्धं द्वीपक वत्सकावती देश सम्बन्धी रत्नपुर नगरका राजा ५८०२ परमेश्वर-कवि-महापुराण थाधारभूत वागर्थ संग्रह पुराणके कर्ता प्रशस्ति।१७ पराशर-हस्तिनापुरके राजा शक्ति और रानी शतकीका पुत्र ७०।१०२ पर्वत-क्षीरकदम्बकका शिष्य ६७।२५९ पवनवेग-एक मुनि ६३।११४ पवनवेग-विजयार्धका एक विद्या. धर ७१.३६९ पवनवेग-एक विद्याधर ७१।४१० पवनवेग-शिवंकरनगरका राजा एक विद्याधर ७५।१६४ पवनवेग-गुणमित्रका जीव एक कबूतर ७५।४५७ पवनवेगा-किन्नरगीत नगरके राजा अशनिवेगकी स्त्री ७०।२५५ पवनात्मज-अणुमान्-हननाद ६८।३७० पाञ्चाल-द्रोपदी के पुत्र २२१४ पाण्डव-यादव पक्ष पाजा१. शुधिष्ठिर, २. भीम, ३ अजुन, ४. सहदेव, ५. नकुल ७११७४ पाण्डु-व्यास और सुभद्रा का पुत्र ७०।१०३ पाण्डु-ग्यारह शङ्गोंके जानकार एक मुनि ७६।५२४ पारत-कान्यकुब्जका राजा ६५।५८ पारशरी-राजगृह नगरके निवासी शाण्डिल्य ब्राह्मणाको स्त्री ७४।८३ पार्थ-पाण्डु और कुन्तीका तृतीय पुत्र जिसका दूसरा नाम अर्जुन प्रसिद्ध है ७०।११६ पार्थिव-भारतवर्षके दरूदेशकी कौशाम्बी नगरीका राजा ६९।२ पार्श्वनाथ-तेईसवें तीर्थंकर, भगवान पार्श्वनाथ ७३।१ पिहितास्रव-विदेहके एक तीर्थकर, जिनके पास राखा अपरा. जितने दीक्षा ली थी ५२.१३ पिहितास्रव-एक मुनि ५९।२४४ पिहितास्रव-एक मुनि ६२१७७ पिहितास्रव-एक मुनि ६२६१५४ पिहितानव-एक मुनि ६३।१३९ पुण्डरीक-एक नारायण ६५।१७४ पुत्र-भगवान् महावीरका गण घर ७४।३७३ पुनर्वसु-बरिष्टनगरका राजा, भगवान् शीतलनाथको प्रथम पाहार देनेवाला ५६।४७ पुरु-भगवान् वृषभदेव ७३।१२२ पुरुदेव भगवान् आदिनाथ ६३४०४ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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