Book Title: Uttara Purana
Author(s): Gunbhadrasuri, Pannalal Jain
Publisher: Bharatiya Gyanpith
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पञ्चमावगमेश - पञ्चमज्ञान -
केवलज्ञानके स्वामी ४९६५७ पञ्चमीगति-मोक्षस्यान ४९।५७ पथ्या-हरड ७५॥३७५ पद्मा-लक्ष्मी ५२।१ पयोज-शंख ७१।१३९ पयोधरपथ-पाकाश ६७।२७६ परमान-खीर ५६१४७ परस्वहृत्-चोर ७६५८१ पराय-श्रेष्ठ ७५२४६ पराय॑मणि-श्रेष्ठमणि ६८।१९७ परासुता-मृत्यु ७०।३४१ परिवृढ-स्वामो ७४।२९९ परिषद्दल-समामें
बलवान् ६११५६ पर्व-पूर्णिमा ६३१४१७ पल-मांस ७१२२७१ : पलित-सफेद बाल ६७।२१६ पाठीन-मच्छ ७३।१६१ पात्रेसमिततादैन्यं-केवल भोजन में शामिल होने की दीनता ४८.१०१ पाद-चौथाई मग ४८।२९ पारणा-व्रतके बाद होनेवाला
भोजन ७६।१३४ पारमात्म्य-परमात्मपद-मोक्ष
७५।१७७ पाषाण-वीणाका एक दोष
७०।२७२ पिण्ड-ग्रास ७६।४१. पिण्डित-एकत्रित ५१४८. पिण्डीम-अशोकवृक्ष ६८।१३० पितृवन-रमशान ७५।२२७ पीयूषाशि-देव ६६।२१ पुरुषकार-पुरुषार्थ ६२।३७ पुरुषार्थत्रय-धर्म, अर्थ, काम-ये तीन पुरुषार्थ ५३।५ . पुलस्तिपुत्र-रावण ६८।३२५ पुलिन्दी-मिल्लकी स्त्री७१।४०३ पुष्पेषज्वर-कामज्वर ६२।४६
उत्तरपुराणम् पूर्वानुपूर्वी-पूर्वाचार्योंका अनु.
सरण करते हुए ७०।३ प्रकीर्णक-चमर ६३।१ प्रजा-जनता ४८१६ प्रजापति-ब्रह्मा ५४।११७ प्रज्ञप्ति-एक विद्या ६३।३१ प्रतिक्रिया-प्रतिकार ६२१११८ प्रतिच्छन्द-आदर्श ५४।४२ प्रतिदत्त-बदलेका उपहार
६२।१०५ प्रतिष्टम्मी-विरोधी ६६।१११ प्रतिष्ठाकल्प-प्रतिष्ठाशास्त्र
५४१४९ प्रतीक्ष्य-पडिगाहकर ४९।३९ प्रलय-मूच्र्छा ४८।६३ प्रवज्या-दीक्षा ६५७ प्रश्रयाश्रय-विनयका बाधार
७३।४५ प्रतव्या-भेजने योग्य ५८।६८ प्राकृत-साधारण ७२१५७ प्राग्ज-पहले त्पन्न हुमा
७२।१५५ प्राच्य-पहला ७६।४१० प्राणतेन्द्र-चौदहवें स्वर्गका इन्द्र
५५।२२ प्रान्तकल्प-अच्युतस्वर्ग४८।१४३ प्रान्तकल्पेश्वर-अच्युतस्वर्गका
स्वामी ६६।१०१ प्राभृत-उपहार ५९९० प्रीणित-संतोषित ७५।१ प्रेतनाथ-यम ६८१३३५ प्रैष-कार्य ४८५१०१ । प्रोषितयोषित-जिसकी स्त्री प्रवासमें गयी है ६३१७८
[भ] भल्लङ्की-भीलोंकी एक वसति
७१।३०९ भवान्त-मोक्ष ६४।५५ मागिनेय-मानेज ७२।२६८ मावितद्वयष्टकारणः-सोलहकारण भावनाओंका चिन्तन करने वाला ६१८ भास्वर-देदीप्यमान ६१।१२३ भूमिज-मंगल ७५१४८९ भूयसी-बहुत भारी ४८५१०३ भोगिमोगाभैः-सौपके फणके समान ४८1८३
[म] मगधाधिप-जरासंघ ७११६९ मक्षु-शोघ्र ६५७ मणिकर-जौहरी ७५१४५४ मतिवत्तम-अत्यन्त बुद्धिमान्
६२१८१ मधुमास-चैत्रमास ६३७७ मनःपर्ययवीक्षण-मनःपर्ययज्ञानके धारक ४८।४६ मन्द-शनि ७५।४८९ मन्दराग-मन्दर+अग-मेक
पर्वत ६६।१०० मन्दराग-मन्द रागके धारक
६०।१०० मन्दसान-हंस ७५।५४७ मनोरजस-मनके विकार रूपी
धूली ६३।१२२ मनोरमा-स्त्री ७०७५ मरुत्-देव ५४॥३० मरुत्सङ्घ-देवोंका समूह ६७१५४ मरुत्सदस्-देवसमा ६३।२८२ मरुन्माग-आकाश ४८।६० महादेवी-प्रधानरानी ५१०२० महिषीमण्डल-भैंसोंका समूह
६३।१६० मातङ्ग-चाण्डाल ७२६३१ मातङ्गी-चाण्डाली ७२।२४१ माधव-वैशाख ६१५
[ब] बल-बलभद्र ७०१२ बल्लव-गोपाल-अहीर ६३।१६० बहुलपक्ष-कृष्णपक्ष ६७।४१ बाह्यपरिच्छद-पना बादि बाह्य
परिकर ५२।४ बोध्य-बानने योग्य पदार्थ६२१
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