Book Title: Uttara Purana
Author(s): Gunbhadrasuri, Pannalal Jain
Publisher: Bharatiya Gyanpith

View full book text
Previous | Next

Page 708
________________ ६८० जीवधारासंध और कलिन्दसेनाकी पुत्री ७० ३५४ जीवम्बर-एक मुनिराज ७५।१८४ जीसन्धर राजा सत्यन्बर बोर विजया शनीका पुत्र ७५।२५० जैनी- राजगृहनगर के विश्वि की स्त्री ५७।७२ ज्येष्ठा धनदत्त और नन्दयशाका पुत्र ७०११८६ ज्येष्ठा राजा चेटककी पुत्री ५७७ ज्योतिर्माला मेषवाहन बोर मेघमालिनीकी पुत्री ६२।७२ ज्योतिर्माला विद्युत्प्रभ की बहन ६२१८० ज्योतिर्माला राजा पुरुवलकी स्त्री ७१।३११ ज्योतिष्प्रभ-रात्रा कालसंवरके विद्युदंष्ट्र आदि पाँच सौ पुत्रोंमें सबसे छोटा पुत्र ७२।१२६ ज्योतिः प्रभा त्रिपृष्ठनारायण और स्वयंप्रभाकी स्त्री ६२.१५३ ज्वलनजी-रधनूपुरचकवाल नगरका राजा ६२/३० [[ ] तक्षक- एक शिला ७२।५३ ताम्रकर्ण - एक हाथी ६३॥१५८ ताम्रचूल - एक व्यन्तरदेव ६३।१८६ तारक- भोगवर्धन नगरके राजा श्रीधरका पुत्र - यह विन्ध्यशक्तिका जीव था जो अब प्रतिनारायण हुआ है ५८।९१ तिलकचन्द्रिका - श्री चन्द्राकी सखी अलकसुन्दरीको माता ७५/४४४ तिलोत्तमा एक देवी ६३।१२६ तिलोत्तमा चन्द्रामनगरके राजा धनपतिकी स्त्री ७५।३९१ Jain Education International उत्तरपुराणम् तृणपिङ्गल-पोदनपुरका राजासुयोधनकी स्त्री अतिथिका भाई ६७२२४ त्रिपृष्ठ- पोदनपुर के राजा प्रजापति और रानी मृगावतीका पुत्र ६२९० त्रिपृष्ठ - आगामी आठवाँ नारायण ७६।४८९ त्रिपृष्ठ - भगवान् श्रेयान्सनायका मुख्य प्रश्नकर्ता ७६।५३० त्रिष्टष्ट - भगवान् महावीर स्वामी के पूर्वभवका जीव ७६।५३९ विलासिका एक नर्तकी ६२०४२९ [व] दण्डगर्म इस नामका मधुकोडका प्रधान मन्त्री ६१।७६ दत्त- भगवान् चन्द्रप्रभका प्रमुख गणधर ५४ । २४४ दमक- वीतशोकपुरका एक सेठ ७१।३६२ दमवर - एक मुनि ६२/४०२ दमवर एक चारण ऋद्धिषारी मुनि ६३/६ दमवर चारण ऋद्धिधारी एक मुनि ६३।२८० दमवर एक मुनि ७०३६ दमितारि शिवमन्दिर नगरका राजा ६२।४३४ दर्शक - अलका नगरीका एक राजा विद्याधर ५९।२२९ दव-यादव पक्षका एक राजा ७१.७३ दशकन्धर - रावण ६८ ४२५ दशरथ-विदेहगत वरसदेश के सुसीमानगरका राजाभगवान् धर्मनाथका तृतीय पूर्वभवका जीव ६१०३ दशरथ - वाराणसीका राजा ६७।१४८ दशरथ - हेमकच्छ का राजा ७५।१० For Private & Personal Use Only दशानन रावण पुलस्त्य बोर मेषधीका पुष ६८।१२ दशास्य-रावण ६८२ दानवीर्य भगवान् सुपाश्र्वनाथका मुख्य प्रश्नकर्ता ७६,५३० दान्तमति एक आर्यिका बो रानी रामदत्ताको संबोधनेके लिए सिहपुर बायी थी ५९ १९९ दान्तमति एक धार्थिका ५९।२१२ दारुक-सर्वसमृद्ध सेठका सेवक ७६।१६८ दारुण छत्रपुरका एक व्याप ५९/२७३ दाशरथि - राम ६८।४२३ दिवितिलक - कनकपुरके राजा गरुडवेन और रानी भूतिवेणा का पुत्र ६३।१६६ दिव्यबल - साकेत का राजा ५९॥२०८ दीपशिख ज्योतिप्रमनवर के राजा संधिन्न और उसकी स्त्री बल्यानीका पुत्र ६२।२४२ दीर्घदन्त - आगामी दुसरा चक्रवर्ती ७६४८२ दुर्जय - जरासंघके पक्षका एक राजा ७१८० दुर्धर्षण-पुतराष्ट्र बीर बाबा का तृतीय पुत्र ७०।११७ दुर्धर्षण - जरासंघ के पक्षका एक राजा कौरव ७१।७९ दुर्मुख - रावण के पक्षका एक विद्याधर ६८४३१ दुर्मर्षण जरासंघ पक्षका एक राजा-कौरव ७१।७९ दुर्मर्षण- वृद्धग्रामका एक गृहस्थ ७६ १५६ दुर्योधन-पृतराष्ट्र और गानबारीका ज्येष्ठ पुत्र ७०।११७ www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 706 707 708 709 710 711 712 713 714 715 716 717 718 719 720 721 722 723 724 725 726 727 728 729 730 731 732 733 734 735 736 737 738