Book Title: Uttara Purana
Author(s): Gunbhadrasuri, Pannalal Jain
Publisher: Bharatiya Gyanpith

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Page 710
________________ ६८२ धनदेवी- चम्पापुरके सुबन्धु सेटकी स्त्री ७२।२४३ धनपति ओमपुरकै राजा नन्दि का पुत्र ५३।१२ धनपति -पुरका राजा ६५०३ धनपति - चन्द्राभ नगरका राजा ७५।३९१ धनपाल - रत्नसञ्चयनगरके राजा महाबलका पुत्र ५०।१० धनपाल - घनदत्त बोर नन्दयशाका पुत्र ७० १८५ धनपाल - राजपुरका एक श्रावक ७५।२५८ धनभद्र-राजा बेटकका पुत्र ७५/४ धनमित्र - रत्नपुर के राजा पद्मो तरका पुत्र ५८।११. धनमित्र- राजसेठ ५९ २२१ धनभित्र विन्ध्यपुर नगरका एक वर्षिक ६२.१०० धनमित्र-सागरसैन और धमित गतिका पुत्र ६३।२६४ धनमित्र- जीवन्धरका एक साला ७५।४३० धनमित्रा उज्जयिनी के सेठ धन देवकी स्त्री ७६९६ धनमित्रा कुवेरदत्त की स्त्री ७६।२३७ - धनश्री - नन्दनपुर के राजा बमित विक्रम और रानी बानन्दमती की पुत्री ६३।१३ धनश्री - मेघपुरके राजा धनञ्जय और रानी सबंधी की पुत्री ७१।२५३ धनश्री अग्निभूति बोर बला की पुत्री ७२।२३० धनश्री चम्पापुरके राजा श्रीषेण की स्त्री ७५।८२ धनश्री राजगृही धनदत्त बैठ की स्त्री ७६।४८ धन्य-रखपुरका एक गाड़ी चलानेवाला ६३।१५७ Jain Education International उत्तरपुराणम् धन्य - गुल्मखेटपुरका राजा ७३|१३३ धन्यपेण - पाटलिपुत्र का एक राजा जिसके यहाँ भगवान् धर्मनाथका प्रथम बाहार हुआ था ६१।४१ धरण-कौशाम्बीके राजा-भगबान् पचके पिता ५२।१५ धरणीजट-मगध देशके चल ग्रामका एक ब्राह्मण ६२।३२५ धरात्मजा- सीता ६८ ३१२ घरासुता सीता ६८।२०७ धर्म-भगवान् वासुपूज्यका प्रमुख गणधर ५८।४४ धर्म-भगवान् विमलनाथ के तीर्थमें होनेवाले एक बलभद्र ५९।६३ धर्म-पन्द्रहवें तीर्थंकर धर्मनाथ ६१०१ धर्म - एक मुनिराज ७१।४५४ धर्मज - युधिष्ठिर ७२।२६१ धर्मपुत्र - पाण्डु और कुन्तीका ज्येष्ठ पुत्र जिसका दूसरा नाम युधिष्ठिर प्रचलित है ७०।११५ धर्मप्रिय राजगृहीका एक सेठ ७६।१२४ धर्ममित्र- बिसने भगवान् कुन्धुनायको प्रथम बाहार दिया था ६४।४१ धर्मवीयं भगवान् पद्मम का मुख्य प्रश्नकर्ता ७६/५३० धर्मरुचि - एक मुनि ५९।२५६ धर्मरुचि धनदत्त बौर नन्दगण का पुत्र ७०११८६ धर्मरुचि - एक मुनि ७२/२३१ धर्मरुचि - एक मुनि ७६३ धर्मशील - विनीता अयोध्या के सुरेन्द्रदत्त सेठका दूसरा नाम ७०/१५० - धर्मसिंह - एक मुनि ७०1७३ धर्मसेन - एक मुनि ७१ । ३९१ For Private & Personal Use Only धर्मसेन दापूर्वके धारक एक मुनि ७६।५२३ धर्मिल - एक ब्राह्मण जिने राजा सिंहनने श्री भूवि प्रत्यघोष का पद दिया था ५९१८७ धारण अन्धकवृष्टि और सुभद्रा का पुत्र ७०।९६ धारणा भगवान् श्रेयान्सनायके संघकी प्रमुख नाका ५७७५८ धारिणी-सूयप्रभपुर के राजा सूर्यप्रभकी स्त्री ७०/२८ धारिणी-राजा पुरवीरको स्त्री ७०/९४ धारिणो राजा गरुडयेकी स्त्री ७५.३०३ धारिणी-हरियल की स्वी ७६।२६३ धार्मिकी कोणाम्बीके मठ और सुभद्रा सेठानीकी पुत्री ७१।४३७ धूमकेतु एक देव, राजा कनकरथका जीव जिसकी खोका मधुअपहरण प्रयुम्न ने पर्याय किया था ४२२४७ धृतराष्ट्र-ध्यास जर सुभद्राका पुत्र ७०।१०३ धृति एक देवी ५४/१६९ धृति - एक देवी ६३।२०० प्रतिषेण पृथिवी नगरके राजा जयसेन और रानी जयसेनाका पुत्र ४८/५९ धृतिषेण मन्दरमिरिके वनमें स्थित एक चारण ऋद्धि. घारी मुनि ६३२० धृतिषेण एक मुनि ६३ । २४८ धृतिषेण- सिंहपुर के राजा धार्यवर्माका पुत्र ७५२८१ धृतिषेण दशपूर्वके धारक एक मुबि ७६।५२२ धृतिषेणा - कनकपुरके राजा गरुडवेगकी स्त्री ६३।१६५ - - - www.jainelibrary.org

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