Book Title: Tulsi Prajna 2006 07
Author(s): Shanta Jain, Jagatram Bhattacharya
Publisher: Jain Vishva Bharati

View full book text
Previous | Next

Page 4
________________ अनुक्रमणिका/CONTENTS हिन्दी खण्ड विषय लेखक पृष्ठ सं. सापेक्षता और अनेकांत : विज्ञान और दर्शन पुरुषार्थ सिद्धयुपाय में अहिंसा-विमर्श नर-लोक से किन्नर-लोक तक सिद्धों के अनेक भेदों का प्रतिपादन भगवती आराधना में निदान वैज्ञानिक परिप्रेक्ष्य में तीर्थंकरों की मूर्तियों पर उकेरित चिह्न कारण का स्वरूप : जैन दर्शन के परिप्रेक्ष्य में अपरिग्रह एवं उसका लोकोपकारी स्वरूप प्रो. दयानन्द भार्गव प्रोफेसर प्रेम सुमन जैन जतनलाल रामपुरिया साध्वी श्रुतयशा डॉ. पारसमल अग्रवाल डॉ. उमाकान्त पी. शाह सुश्री श्वेता जैन सुमत जैन अंग्रेजी खण्ड Subject Author Page No. Ācārānga-Bhāșyam Ācārya Mahāprajña 81 Specialized Functions ... Dr J.P.N. Mishra and Dr M.K. Singh 91 Jain Business Ethics ... Samani Shashi Prajna 103 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 ... 122