Book Title: Tulsi Prajna 2006 07
Author(s): Shanta Jain, Jagatram Bhattacharya
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 122
________________ Postal Department : NUR 08 R.N.I.No.28340/75 नवीनता की सार्थकता नई सदी का प्रवेश नए संकल्पों के साथ हो, तभी इस 'नया' शब्द की सार्थकता हो सकती है। 1. मैं संयमप्रधान जीवनशैली का विकास करूँगा। 2. मैं समताप्रधान जीवनशैली का विकास करूँगा। 3. मैं सदाचारप्रधान जीवनशैली का विकास करूँगा। ये तीन संकल्प नई शताब्दी अथवा नई सहस्राब्दी में विद्यमान इस 'नया' शब्द को सार्थकता दे सकते हैं। - अनुशास्ता आचार्य महाप्रज्ञ प्रकाशक - सम्पादक - डॉ. मुमुक्षु शान्ता जैन द्वारा जैन विश्वभारती संस्थान, लाडनूं ducation intermanohare कालए प्रकाशित एवं जयपर प्रिण्टर्स, जयपुर द्वारा मुद्रित / wwwjainelibrary.org

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