________________
२९. नवाझवृत्तिकारश्रीअभयदेवसूरिसंताने छत्राउलाश्रीदेवप्रभसूरिशिष्य श्री
पद्मप्रभसूरि ।........... U. P. Shah-"A Forgotten Chapter In the History of Svetambara Jaina Church” Journal of the Asiatic Society
of Bombay Vol 30, Part I, 1955 A. D. Pp. 100-113. ३०. द्रष्टव्य-संदर्भ क्रमांक ६ ३१. संदर्भ क्रमांक ७ ३२. मोहनलाल दलीचन्द देसाई ---जैन साहित्यनो संक्षिप्त इतिहास पृष्ठ
२१६-२१७ ३३. “अभयदेवसूरिप्रबन्ध' प्रभावकचरित संपा० मुनि जिनविजय पृष्ठ
१६१-१६६ ३४. मोहनलाल मेहता, पूर्वोक्त, पृष्ठ ३९८
"वृहत्पोषालिकपट्टावली" में इनका स्वर्गवास काल वि० सं० ११३९ दिया गया है । केचिदेकोनचत्वारिंशदधिकैकादशशते ११३९ नवांगवृत्तिकृत श्रीअभयदेवसूरिः स्वर्गभाक् ।
विविधगच्छीय पट्टावली संग्रह संपा० जिनविजय, पृष्ठ २० ३५. लालचन्द भगवानदास गांधी--- ऐतिहासिक लेख संग्रह श्रीसयाजी
साहित्यमाला, पुष्प ३३५, बड़ोदरा, १९६३ ईस्वी, पृ० ११४ ३६. द्रष्टव्य, संदर्भ क्रमांक १२ ३७. भोगीलाल सांडेसरा ---- महामात्य वस्तुपाल का साहित्यमंडल और
संस्कृत साहित्य में उसकी देन--सन्मति प्रकाशन न० १५, जैन
संस्कृति संशोधन मंडल, वाराणसी, १९५९ ईस्वी, पृष्ठ १०६-१०९ ३८. द्रष्टव्य-संदर्भ क्रमांक १४ 39. Jinaratankosha, P. 303 ४० जैन साहित्य का वृहद् इतिहास भाग ६, पृष्ठ २११ ४१-४२. मोहनलाल दलीचंद देसाई-जैन गूर्जरकविओ नवीन संस्करण,
संपा० डा० जयन्त कोठारी, महावीर जैन विद्यालय, मुम्बई १९८६ ई०,
पृष्ठ १२-१३ ४३. जैन साहित्य का बृहद् इतिहास भाग ६, पृष्ठ १२२-१२३ ४४. जयकुमार जैन --पार्श्वनाथचरित का समीक्षात्मक अध्ययन
मुजफ्फरनगर, १९८७ ईस्वी, पृष्ट ५६-५७ 45 Jinaratnakosha, P. 272.
तुलसी प्रज्ञा
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org