Book Title: Tirthankar Mahavira aur Unki Acharya Parampara Part 4
Author(s): Nemichandra Shastri
Publisher: Shantisagar Chhani Granthamala

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Page 15
________________ जनार्दन नगेन्द्रकी ति दयासागर विशालकोति गंगादास चिन्तामणि गुणकोति अंग और पूर्व साहित्यको आचार्योंकी देन ३२२ जिनसागर ३२२ रनको ति ३२२ दयासागर ३२२ जिनसेन ३२२ टकाप्पा ३२० सहवा नंदीसंघ बलात्कारगण सरस्वती गच्छको प्राकृत पट्टावलो श्रुतधर-पट्टावली गणधरादि-पट्टावली तिलोय पण्णत्तके आधारपर आचार्य परम्परा धवला में निबद्ध श्रुतपरम्परा काष्ठासंघको उत्पत्ति काष्ठासंघकी गुर्वावली काष्ठासंघकी पट्टावलीका भाषानुवाद श्रुतधर-पट्टावली नबलशाह ३२२ रघु उपसंहार प्रमाण और अप्रमाणविषयक देन ३३६ व्याकरणविषयक देन ३२३ ३३८ आचार्य परम्परा और कम साहित्य ३२५ कोषावस्यक देन ३३८ ३२८ दार्शनिक युग और स्याद्वाद द्रव्यगुण-पर्यायविषयक देन अध्यात्मविषयक देन पुराण और काव्यविषयक देन ३३९ आचार्यों द्वारा प्रभावित राज ३३१ ३३४ वंश और सामन्त चतुर्थ परिच्छेद पट्टावलियाँ मेघचन्द्र प्रशस्ति ३४६ मल्लिषेण प्रशस्ति ३४९ देवकोर्ति-पट्टावली ३५० ३५२ ३५४ ३५८ ३६० नयकीर्ति पटटावली प्रथम शुभचन्द्रकी गुर्वावली द्वितीय शुभचन्द्रकी पट्टावलो श्रुतमुनि-पट्टावली सेनगण- पट्टावली विरुदावली नन्दिसंघकी पट्टावलीके ( हिन्दी के अन्य चर्चित कवि शीर्षकान्तर्गत ) ३२२ ३२२ ३२२ परिशिष्ट ४४६ ग्रन्थानुक्रमणी ३२२ ३२२ ३२२ ३२२ ग्रन्थकारानुक्रमणिका २०: तीर्थंकर महावीर और उनकी आचार्य परम्परा ३६५ आचार्योंकी नामावली ४४१ ३६६ नागौर के भट्टारकोंकी नामावली ४४३ शेषांश पृ० ३०६ ३४० ३६८ ३७३ ३८३ ३८७ ३९३ ४०४ ४१० ४२४ ४३० ४४४ ४५७

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