Book Title: Tirthankar Mahavira aur Unki Acharya Parampara Part 4
Author(s): Nemichandra Shastri
Publisher: Shantisagar Chhani Granthamala
View full book text ________________ सोलहकारण-रासो सोलहकारणवय-कहा स्तुति नेमि-जिनेन्द्र स्तुति-विद्या (जिनशतक) स्त्रीमुक्ति-प्रकरण स्फूटपद स्थाबाद-सिद्धि स्वप्नवत्तीसी स्वयंभुछन्द स्वयंभुव्याकरण स्वरूपानन्द स्वामीकात्तिकेयानुप्रेक्षा हनुमतरास हनुमानपुराण हरिबंशपुराण सकलकीति गुणभद्र गुणचन्द्र समन्तभद्र शाकटायन रूपचन्द्र वादीभसिंह भगवदीदास स्वयंभुदेव 2330 4 / 218 31423 21188 3 / 24 કોર दीपचन्द शाह जयछन्द छावड़ा ब्रह्म जिनदास दयामागत खुशालचन्द काला जिनदास धवल 4/266 41101 41102 4 // 294 4222 33341 4 // 322 रइधू / (पद्यानुवाद) 4 / 318 41119 4/201 4262 4 / 311 કર૮ર 4 / 321 32432 3 / 434 3 / 30 34 सालिवाहन बन्धुवर्मा दौलतराम कासलीवाल पुण्यसागर श्रुतकीति धर्मकोति ब्रह्म जिनदास जिनसेन प्रथम वादिचन्द्र जिनदास ब्रह्म जिनदास हरिवंशपुराण (जैन महाभारत) 473 होलिकारित होलिकारेणुचरित होली रास 4184 32342 आभार परिशिष्टको दोनों अनुक्रमणिकाएं डॉ० सुदर्शनलालजी जैन प्राध्यापक काशी हिन्दुविश्वविद्यालयने तैयार की हैं, इसके लिए उन्हें हृदयसे धन्यवाद हैं। 496 : तीर्थकर महावीर और उनकी प्राचार्य परम्परा
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