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साय
फ़सल एक सौ चौदहवीं पडू और नरों के रोगों को दूर करने के काढों में । फ़सल एक सौ पंद्रहवीं
मतवखात मुदिरहेज़ में गीत स्त्रीधर्म होने वाले २५२ १७ काढों में ।।
फ़सल एक सौ वीसवीं
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फ़सल एक सौ सोल्हवीं
मतवखात दाफह सौजा अर्थात् जोड़ों की पीडा केद २२३ ५ रकरने वारने काढ़ों में ।।
फ़सल एक सौ सत्रहवीं
मतखात दाफेह हमेयात अर्थात् ज्वरादिक टूरक २२४ रने के काढों में ।
फ़सल एक सौ अठारहवीं
मतबूखात मुतफकीत अर्थात् प्रथक २ काठों में । २२६ ०३ फ़सल एक सौ उन्नीसवीं
मुरब्बों में ॥
मरहमों में ॥
फ़सल एक सौ इक्कीसवीं खास मरहमों में ।।
एष्ट पंक्ति
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फ़सल एक सौ वाईसवीं माजूनात अधीत पाका दिक जो सब प्रकार के रोगों को प्रवल करने और जोड़ों को प्रवल करने में हैं ॥। फ़सल एक सौ तेईसवीं माजूनात जो कलेजा और पेडू और नरे और २४४ २३