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गुमरह आयीत् उबटने और गालियेअर्थात नीयोमें। फ़सलतिण्णवी फतील जातीत्तवातियों में।
फ़सलचोगावी फुरजजों में अर्थात्यानिकी वातियों में।
फ़सलपिच्यावी कुर्स शायर्यात टिकिया मस्तक पीडाऔर ज्वर । खासी आदि मनुथों के रोगों के दूर करने में।
फ़सलछियाणवी जो ज्वर और खुराकी भोजागे के रोगों को गुण करने के कुर्सी न॥
फ़सलसत्ताणवी इन्द्री के रोगों को दूर करने के कुसी में।
फ़सल काढाणवी करती अर्थात् मोमगान में।
फ़सलनिनन्याणवी कतूर साथीत्कान में टपकानकी दवा में।
फ़सल १०० सौवीं कुल प्रीत सुमी में।
फसलएकसोएकवी काज़ल और घुर्गार्थात रिमडों में।
फ़सलएकसौदोवीं कमाद अर्थात् कमें। .
२०६१ · फ़सलएकसातीनवी
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