Book Title: Tibba Ratnakar
Author(s): Kanhaiyalal Munshi, Bansidhar Munshi
Publisher: Kanhaiyalal Munshi

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Page 12
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir - - - दृष्ट पनि - - - - मापाय गुदाके रोग दूर करने वालेलेपोमें। . फ़सलबहत्तरवीं गुरदे औरइवीकेण्गदूर करने वालेलेयों में। फ़सलतिहरवी ||-अंडकोश और इन्द्री के गंगों को दूर करनेवालेलेयाम १६२/३ फ़सलचौहत्तरवीं भगके रोग दूर करने वाले लयों में । फ़सल पिचतरवीं शरीर के बाहरी फोडे और सूजन के दूरकरनेकेलेपोमार६४ : . फ़सल छिहत्तरवीं चोट और गिर पडनेकीचटके दूर करने केलेपोंमें १५ | १० | फ़सल सतत्तरवीं पथक २ लेयों में फ़सलाठत्तरवीं मस्तकसे गरदन ताईकेण्गदूरकरनेवालेतिला २१ में फ़सल उनासीवी बदनकेतनूरे केगेगों कोगुण करनेवालेतिलानीमें १७०/२५ %3D MAIma - - - अंडकोश सलारसोबावालेतिला - -- अंडकोश और इन्द्री और जांघकी जड़ केरोगोंके २७२/७ दूर करनेवाले तिलाओं में। फ़सलइक्यासीवी गुदाके रोगदर करने वाले तिलाशों में फ़सल वयासीवी हाथ पांव और जोडों के रोगरकरनेवालेतिला७ि५/२० ॥ - -- - ma - For Private and Personal Use Only

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