Book Title: Tibba Ratnakar
Author(s): Kanhaiyalal Munshi, Bansidhar Munshi
Publisher: Kanhaiyalal Munshi

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Page 13
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir E m - meas - - - - - - -- -- - - - minatemale । e R आपाय एष्ट पंक्ति फ़सलतिरासीवी -सून्यकोढ़ और छीप और त्वचा के दूसरेगे २७६ २५ गों कोदूर करनेके तिलाशों में। फ़सलचौरासीवी खुजली औरदाद दूर करनेवाले तिलाओंमें फसलपिचासीवी कामदेव और इन्द्री केपवल करने और स्थभनक १८०/१ रने और स्वीमादि को चित पसन्न करने के ति लामों में। फसलकियासीवी वालों के तिलाझामें। फसलसत्तासीवी जोसोथ और फुनमी औरचोट औरचोट लग १८३/४ जाने भादिके दूर करनेवाले तिला फैसलाठासीवी" दरोगों के साफ करने शोरमादिलकरने के अर्को १८४/२६ फसलनवासीवी वित्तपसन्न करने वाले और ताकतबढ़ाने वाले २८५/२२ औरगेगदूर करने वाले तिला में। फ़सल नब्वेवी उजूनाथीत् भागीना में। फ़सलद्क्याणवी गरगरे के नुसखा में। फ़सलवाणवी - - - . .. -- - - Am १ - - - - - - - - - - - - . For Private and Personal Use Only

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