Book Title: Sushil Nammala
Author(s): Vijaysushilsuri
Publisher: Sushilsuri Jain Gyanmandiram
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________________ अनुक्रमणिका 565 दण्डकरोटकं दण्डधरः 638 1738,1785 2221 2042,2523,2059 दण्डधारक: दण्डभृतः दण्डपारुस्यं दण्डाहतं दण्हासन: 2001 2164 2594 52 दण्डितः दण्डी 821 दत्तः दत्ततीर्थपः 40 दद्रुघ्नः 2274 562 200 दद्रुघ्नः 1761 | दन्ताः 208 दन्तका: दन्तभागः 1547 दन्तशठः 1206 दन्तालयः दन्तावल: 1276 दन्ती 677 | दभ्रम् 1176 / दमी 1131 | दम्पती दम्भः 2085 / दम्भचर्या 2085 दम्भोली 702 दया 702 | दयाकूर्चः 607 दयालुः 588 दयितः 2050 दयिता 1388 दरः 2058 दरितः 1871 | दरिद्रः 564 दर्दरम् 609 दणः 1388 दर्दुरम् 1871 | दर्दु रोगी 337 / दर्पः X 333 545 811 808 दद्रुणः दगुरोगी दधि दधिज दधित्य: दधिप्राज्य दधिफलः दधिवारि दधिसक्तु दधिसार दध्याज्यं . दध्युदः . . . दनुजा 440 541 530 415 702 2558,2458,225 702 467

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