Book Title: Sushil Nammala
Author(s): Vijaysushilsuri
Publisher: Sushilsuri Jain Gyanmandiram

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Page 867
________________ ( 84 ) प्राचीन कालमां परमपूज्य प्रातः स्मरणीय कलि काल, सर्वज्ञ प्राचार्यदेव श्रीमद्विजय हेमचन्द्रसूरीश्वरजी महाराज साहेबे रचेल 'श्री अभिधान चिन्तामणी कोशना' आधारे बाल ब्रह्मचारी राजस्थान दीपक परम पूज्य प्राचार्यदेव श्रीमद् विजय सुशीलसूरीश्वरजी महाराज साहेबे बनायेल ' श्रीसुशीलनाममाला' संस्कृतना 7 अभ्यासीनोंने घणोज उपयोगी छे. आपश्रीजीनो प्रयास घणोज प्रशंसनीय छे. तेनो घणोज प्रचार थाय एवी अंतिम भावना। , लि० मास्टर बाबुलाल मणिलाल संघवी भाभरवाले हाल तखतगढ राजस्थान (मारवाड़) दिनांक 10-1-76

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