Book Title: Sushil Nammala
Author(s): Vijaysushilsuri
Publisher: Sushilsuri Jain Gyanmandiram
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________________ सुशीलनाममालायो प्रहसनं प्रहस्त: प्रहासी प्रहिः प्रहितः प्रहेलिका प्राक 826 1174 1636,1644, 1322,2486 1001 1855 809 808 1544 प्राकाम्यं प्राकार: प्रागल्भ्यं प्राग्रयः प्राग्रहरं प्राङ्गणं प्राघारणः प्राघूरण: प्राणिकः 410 / प्राज्ञा: 656 प्राजी 486 प्राइविवाक: 1907 प्राण: 560.1275 प्राण 2652.2812,177 प्राणदं 2824,2767 प्रारणतकल्प: 246 प्राणयमः . 1676 प्राण समः 767 प्रारणसमा | प्राणहिता 2604 प्राणायामः 1724 प्राणावायप्रवापः प्रारिणधूत 778 प्रारिपघानं 778 174 प्राणेशः 177 प्रातः 1618 प्रातराशः 1502 प्रातिहारिकः 870 प्रादुः 1126 | प्रादुष्कृतं 1240 प्रादेशः 2562 प्रादेशनं 502 / प्रापरिणकः 60 1735 प्राणी प्राची प्राचीनं प्राच्यः प्राजनं प्राजाता प्राजापत्यः प्राजिता प्राज्यं 357 755 2505 2484 805 2764,126 641 1565 2803 2686 658 574 प्राज्ञः

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