Book Title: Sushil Nammala
Author(s): Vijaysushilsuri
Publisher: Sushilsuri Jain Gyanmandiram
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________________ शुद्धिपत्रम 666 शुद्धम् कर्मसचिव कवचं कठोरः कान्यकुब्जं कादम्बश्चा श्लोक संख्या 1173 1250 2520 1271 कुटिलं 2648 1878 2265 1043 1678 अशुद्धम् कमसचिव कवच कठारः कन्यकुब्ज कादम्बाश्च कुटिल कुल कुलनाश: कुसुमान्तं कुण्डिनन कृशलः कृतहक्तः कृत कौपोदकी क्रियते खेटः . गभनामानि गव्य .. गाधा गोनर्दीयः गुः / गोरीनाथः चन्द्रपज्ञ . . . 506 1654 301 2548 कूल पुनरुक्तिः पुनरुक्तिः कुण्डिनपुर कुशलः कृतहस्तः कृतं कौमोदकी क्रियते च रवेटः मर्भनामानि गव्यं गोधा गोनर्दीयः गुणः गौरीनाथः चन्द्रप्रज्ञ चपल: चैव 2621 661 2268 2343 1422 472 241 350 732 चपल चव 64

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