Book Title: Sushil Nammala
Author(s): Vijaysushilsuri
Publisher: Sushilsuri Jain Gyanmandiram
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________________ अनुक्रमणिका 2316 2300 1325,2540 462 1808 514 1326 2400 रक्तमस्तक: 2407 | रसज्वलः रक्तमातः 1115 रज्जुः रक्तमाल: 2005 रजोवलं रक्तलोचनः 2432 रण: रक्तवर्णः रणरणक: रक्तवीज: 211 रवरण: रक्तंशालि: 2106 रणसंकुलं रक्तसन्ध्यक रणेच्छु: 2064 रण्डा रक्ताक्षः 2314 रक्ताङ्ग 1947 रतकील: रक्तिका 1483 रतब्रणः रक्तात्पलं 2065 रतशायी 2335 रतान्दुक: 407 रतिः 1761 रतिपतिः रङ्गजीवः / 1483 रतियोनिः रङ्गावतारः 483 रतिवरः रचना 1058 रतोदहः 985,1801 रस्नं रजक: 1542 रत्नकरः रजतं 1841.1812,1808 रत्नगर्भः रजतादिः 1774 रत्नगर्भा रजनिः . रत्नप्रभा रजनी 131, रत्नराशिः रजस्वला: रत्नवती रजन 1037 / रत्नसानुः 856 2311 2300 2307: 2307 857.320 320 320 320 2363 221 220 1587 2469 1866 1560

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