Book Title: Sushil Nammala
Author(s): Vijaysushilsuri
Publisher: Sushilsuri Jain Gyanmandiram

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Page 698
________________ গলুমফিজা चंप्य वप्राः वमथुः वमनं 1659 203,761 1300 774 1765 178,21 // वभिः . चम्मितः बयस्थः वयस्था बयांति परः 1044,1616 बरकतुः 560 / वराणसी 1797,1680 वरारोहा 28 | वराहकर्णकः 721 परिवस्था 721 वरिष्ठः 721,1619 वरुणः 1246 | वरूथः 466,1263 वरूथिनी 842,2034 वर्षः वर्चस्क 2778,811 वर्जन 913,1041 वर्णम् * 184 1676 | वर्णना 741 वर्णनी 255 वर्णवरः 2034 पर्यम् . 815 वर्तलोहं 115 वर्तक 814 वतिः 811 वंतिण्डी 627,761 | तिमि 248 तिनी 607,682 | वस्म 1845,1572 वः 187 वर्धन वर्णक 614 वरण: 360 6 धरदा 118 1044 बरट्रमः परनियंत्रण वरप्रदा . घरयात्री घरयिता परणिनी 1031,730 574 1656 वराङ्ग बराटकं घराणः 1666 1645 551

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