Book Title: Sushil Nammala
Author(s): Vijaysushilsuri
Publisher: Sushilsuri Jain Gyanmandiram
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________________ सुशीलनाममालाया 2772 2772 . 3.6 246. श्वेतरक्तः श्वेतरस: श्वनरूप्यं श्वेतवानी वेतहयः एवोसोयसं षट् चरण: छट्पती षडङ्गक षडघ्रिः 6 भज्ञः षडह्निः षविनुः 321 २५३४/ष्ठयूतं 612 | ष्ठयेवनं 1761 सकलं 86 संकथा | संकर्षणः संकल्पः 2187 संकल्पयोनिः 2178 संकीर्ण .902 / सकृत्प्रजा 2187 संकोचः, 331 सकोचपिशुनं 2187 282 संक्षेपः 1948 सक्त , 2272 सक्त क: 869,236,1186 सक्थि . 2272 सङ्कका 30,264 सङ्कटः सक्षिप्तिः बण्ड ष : षण्ढा बण्ढोचितः षण्मुखः षष्टतिलः पष्टिकः षष्टिहायन: षामातुरः 2700,2677 2365 1043 1042 551 2605 568 2158 986 1746 2740 2659 2677 160 2764 1163 61,842 1164 2127 सङ्काशः 2186 षिङ्गः 2107 सङ्कुलं संक्रन्दनः 267 संक्रामः 487 सखा 2226 सखी 106 सख्यं 2772, सस्यक षोडन् षोडशाचिः ष्ठीवनं

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