Book Title: Sushil Nammala
Author(s): Vijaysushilsuri
Publisher: Sushilsuri Jain Gyanmandiram
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________________ अनुक्रमणिका मन्वन्तराणि ममता 1640 164 मयः 2264 मयष्टकः 2266 2116 मयुः मयुक: मयुष्टक: मयुष्ठकः मयूकः मयूखः मयूरः 365 | मरुत् 467 मरुत्पथ: मरुत्वान् 2116 मरुप्रियः 228 मरुदेवाः 2386 मरुद्रथः मरुलः 2116 मर्कः 2386 मकंट: मकंटक: 2386 मर्कटास्यं 1821 मकंटी 2401 मजिता 267 मतिः 478 मर्त्यः 1842 मर्मचरं 1980 मर्मभेदनः 1631 मर्मरः 2403 ममंरालः 1226,2232 2436 1640 2335 2183 * 84 मयूरक 2051 मयूरचटकः मयूर रथः मरक: मरकतं मरन्दः मरवः मरालः मरिच मरीच 602 1267 466 600 1272 2551 567 630 मर्मवरं 781 मरोचिः 2266 मरीचिका मरुः / मर्मस्पृक् 94,116 मर्यः मर्यादा 1565 मल: 2686 मलयः 2686 | मलयजः 1215 1440 146 1775 मस्क: मरतः 1036 .

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