Book Title: Sushil Nammala
Author(s): Vijaysushilsuri
Publisher: Sushilsuri Jain Gyanmandiram
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________________ अनुक्रमणिका 1280 2329 2310 2326 240 2786 1854 250 2772 271 भवतु भन्दुरा 1713 / भल्लः मयं 440 भहलक: भयहरं भल्लाह: भयन 1698 भालुक: भयानक 442,446 भवः भयानका 432 भालका 1243 भवनं भयावह 442 भवानी भरण: 1925 भवाने गुरुः भरणं 536 भवान्तकृत् / भरणी भविकं भरणीभूः 112 भविण्णुः भरतः 1126.482,1236 भरतकः भषकः / भषणः भरतपुत्रः भसितं भरद्वाजः 2434 भाः भरित 2678 भागः भरुज. 2331,596 भागधेयं भरुटक: भागधेयः भागिनेयः भर्ता भागीरथी भर्तृदारिका भर्तृदारक: . 486 भाजनं * भम . 1807,436 भाटक: भर्मण्या .. भाटिः भमरी 310 / भाणः 578 2310 2610,2555 1390 भरतानि 1605 482 85 भर्ग: M 2605 2507 1216 860 1885 367.2507 1767 1451 137 भाग्यं .

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