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स्थानीय पुरातत्व संग्रहालय महोन्द्रा, जिला पन्ना
(मध्य प्रदेश) की जैन मूर्तियां
नरेश कुमार पाठक
मध्य प्रदेश के बुन्देलखण्ड अंचल में पन्ना जिले में महोन्द्रा नामक प्राचीन स्थान है। यह स्थान चंदेल शासकों के शासन काल में अति महत्वपूर्ण स्थान रहा था। इस स्थल से तीन शिलालेख मिले हैं जिनमें एक विक्रम संवत् १३६६ (१३०६ ई.) तिथि युक्त है एवं इस अमिलेख में इस स्थान का 'महुन्द्रा' नाम मिलता है।' मध्य प्रदेश पुरातत्व अभिलेखागार एवं संग्रहालय विभाग द्वारा इस गांव में बिखरी कलाकृतियों को एकत्रित कर स्थानीय पुरातत्व संग्रहालय की स्थापना की गई। इस संग्रहालय में शैव, शाक्त, वैष्णव, जैन आदि धर्मों से संबंधित विविध देवी-देवताओं की मूर्तियां संरक्षित हैं। इनमें जैन धर्म से संबंधित २२ मूर्तियां हैं और सभी बलुए पत्थर पर निर्मित लगभग १०वीं-११वीं शती ई. की हैं। ये सभी जैन मूर्तियां महोन्द्रा से ही प्राप्त हुई हैं। इनका विवरण प्रस्तुत आलेख में अधोलिखित हैं: १. आदिनाथ प्रथम तीर्थकर आदिनाथ की इस संग्रहालय में दो प्रतिमाएं हैं। दोनों ही प्रतिमाएं खंडित हैं। दोनों में लांछन वृषभ का अंकन है। पहली प्रतिमा (५६ x ४१X १६ सेमी, पं. क्र. १२) में पद्मासनस्थ आदिनाथ का सिर टूटा हुआ है। जिन के दोनों ओर चंवरधर हैं। दूसरी प्रतिमा (१३ x ३६x २२ सेमी, पं. क्र. ७२) में आदिनाथ कायोत्सर्ग मुद्रा में है। वितान भाग में गजाभिषेक आकृति जिसके दोनों ओर पद्मासनस्थ जिन प्रतिमाएं और पादपीठ पर उपासक एवं उपासिका का अंकन है। २.अजितनाथ संग्रहालय में अजितनाथ की कायोत्सर्ग मुद्रा में एक प्रतिमा (७० x ३०४ २१ सेमी, पं. क्र. ११) है। तीर्थकर का सिर एवं दोनों हाथ खंडित हैं। पादपीठ पर लांछन गज अंकित है। जिन के वक्षस्थल पर श्रीवत्स, पावों में चंवरघर, सिंहासन भाग पर यक्ष महायक्ष और यक्षी रोहिणी निरूपित हैं। निचले भाग में दांयी ओर एक अन्य खंडित आकृति है। ३. सम्भवनाथ संग्रहालय में सम्भवनाथ की कायोत्सर्ग मुद्रा में एक प्रतिमा (१०७ x ३० x १६ सेमी, पं. क्र. ५) है। तीर्थकर के दोनों
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