Book Title: Sumati Jnana
Author(s): Shivkant Dwivedi, Navneet Jain
Publisher: Shantisagar Chhani Granthamala

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Page 383
________________ 358 Sumati-Jnana Meam HATRAPA e n .. Cri.... 43/AJNALANATI 4 . inindian GIRISHTE... A . ......... ... ... SHANKAroran v aan Chainism ............. . श्रीका सीchaa, TIMERNETH ARE तहमतिपितमया विदमहेवाममंदीlaanand RRUARभएदे दिवईतवामावयवीरमतिबिनपतित्रामासहस्पकिविताममितिविनयाधानाaanaनिमः। । नमामादशामिहात्मानिधिकम्पपितिहितमहिमामाचदानंदाममाएमतिकतिपयवषिर्धानफलेकीक्षितसगा यातविषद्रायमार्णवसाधविश्त्यावरवंडानाजातियाजानासिवायणप्रदीपाधिकारानाnals विधितामाकपकारमानानाविस्पमादामविकावेक्षिक्वतायवानानात तयारिमाnिary सवयकाक्षिक दिसामदिनामिजमाता.., एमाताराततरणिरताना नामनिदवावाटकोयनेमिनाशावालाकामद समाधिसजिनमनश्रीधर्मदेवाAamaaममेडपानामा मनपसन्दधिमताप्राक वातामामुतवानामहाराजाधिरामवरदाmमालिशERTATE यथाशावरमायासंकि पचायन्धानकपaalविराजमान श्रीaau मारंशितावडानानामहाराजाधिराजाला: निवितानकरवतATEHERE चित्र-७ । Buonm .2.3 *. तार्थमड। न्युताना मानारगति HERE इंदुचर्तित विद्याकली सालिकाहिर पलयंवार कस्वार्थी चित्र-६, ग्रन्थ की पुष्पिका MP चित्र-८ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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