Book Title: Sramana 2013 01
Author(s): Sudarshanlal Jain
Publisher: Parshvanath Vidhyashram Varanasi

View full book text
Previous | Next

Page 29
________________ 22 : श्रमण, वर्ष 64, अंक 1 / जनवरी-मार्च 2013 उल्लेख मिलता है। भट्टारकों के साथ कुछ आर्यिकाओं के नाम भी मिलते हैं। भट्टारक प्रतिष्ठाकारकों के नाम, नगर आदि के नाम भी प्राप्त होते हैं। यहां स्थित महावीरपार्श्वनाथ मन्दिर, मेरुमन्दिर, नया मन्दिर, बाहुबली मन्दिर, भूगर्भ जिनालय तथा मानस्तम्भ इस क्षेत्र की गौरवगाथा कहते हैं। १९. बन्धा-टीकमगढ़ जिले के बम्हौरी-बराना से १० किमी. दूरी पर स्थित यह दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र सुरम्य पहाड़ियों के बीच स्थित है। यह बुन्देलखन्ड के प्रसिद्ध सात भोयरों- पावा, देवगढ़, सीरोन, करगुवां, बन्धा, पपौरा और थूवौन में से एक है। इन भोयरों में कुछ मूर्तियां ११वीं-१२वीं शताब्दी की प्राप्त होती हैं। बन्धा क्षेत्र के भोयरे में मूलनायक प्रतिमा भगवान अजितनाथ की है। इस मूर्ति के एक ओर भगवान ऋषभदेव और दूसरी ओर सम्भवनाथ खड्गासन में ध्यानलीन हैं। दोनों का प्रतिष्ठाकाल वि.सं. ११९९ है। इसके आसपास का समूचा क्षेत्र पुरातत्त्व की दृष्टि से अत्यन्त समृद्ध है। २०. खजुराहो-भारतीय वास्तु और शिल्पकला के क्षेत्र में खजुराहो का विशिष्ट स्थान है। यह मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले में सतना से १२० किमी. तथा पन्ना से ४३ किमी. पश्चिमोत्तर दिशा में स्थित विश्व प्रसिद्ध पर्यटन केन्द्र है। खजुराहो के हिन्दू और जैन मन्दिर चन्देल राजाओं के शासनकाल की समुन्नत शिल्पकला के उत्कृष्ट नमूने हैं। जनश्रुति के अनुसार यहां कुल ८५ मन्दिर थे किन्तु प्राचीन मिन्दिरों में से अब केवल १० मन्दिर ही विद्यमान हैं। यहां एक ही अहाते में ३२ जिनालय हैं। इसमें पार्श्वनाथ, आदिनाथ आदि कई जिनालय १०वीं-११वीं शताब्दी के बने हुए हैं। इसकी अन्त: तथा बाह्य भित्तियों पर तीर्थंकर मूर्तियां, बाहुबली की मूर्ति तथा पौराणिक कथानकों से सम्बन्धित दृश्य जैसे राम सीता आदि तथा तीर्थंकरों के सेवक यक्षयक्षी, सुरसुन्दरियां विभिन्न आकर्षक मुद्रा में अंकित हैं। पार्श्वनाथ मन्दिर, खजुराहो (ई.सन् ९५०-९७०)

Loading...

Page Navigation
1 ... 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98