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82 : श्रमण, वर्ष 64, अंक 1 / जनवरी-मार्च 2013 आचार्य श्री नानेश समता पुरस्कार समारोहआचार्य श्री नानेश समता पुरस्कार समारोह, ६, जनवरी, २०१३ को गुवाहाटी में सम्पन्न हुआ। श्री अ. भा. साधुमार्गी जैन संघ, बीकानेर द्वारा परम् श्रद्धेय आचार्यप्रवर १००८ श्री नानालालजी म. सा. की पावन स्मृति में स्थापित आचार्य श्री नानेश समता पुरस्कार समारोह असम की राजधानी गुवाहाटी में अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त जैन विद्वान् प्रो. सागरमल जैन, शाजापुर एवं प्रख्यात समाजसेवी, उदारमना, दानवीर, श्री हरीसिंह जी रांक, मुम्बई को अत्यन्त गरिमामय एवं हर्ष के वातावरण में प्रदान किया गया। पुरस्कार के अन्तर्गत रुपये २,०००,००/- नकद और प्रशस्ति पत्र सेठ शेरमल फतेचन्द डागा ट्रस्ट, गंगाशहर के द्वारा प्रदान किया गया। पार्श्वनाथ विद्यापीठ अपने पूर्व निदेशक एवं मानद सचिव, प्रो. सागरमल जैन के इस विशिष्ट सम्मान हेतु गौरवान्वित है। श्रमण पाठकों की दृष्टि में :श्रमण पाठक डॉ. एन. के. खींचा की दृष्टि में 'श्रमण' Oct.-Dec. 2012 अत्यन्त सारगर्भित है। इस अंक में विशेष रूप से डॉ. रविशंकर जी गुप्ता का आलेख (पूर्व मध्यकालीन राजस्थान में श्वेताम्बर सम्प्रदाय का विकास) एवं सतेन्द्र कुमार जैन का आलेख (लोकानुप्रेक्षा में वास्तुविद्या) ज्ञानवर्धक एवं रोचक है। तपागच्छाधिराज पू.आ.श्री. विजय रामचन्द्र सूरश्वरजी महाराजा की दीक्षाशताब्दी के उपलक्ष्य में श्री नंदप्रथा धार्मिक ट्रस्ट द्वारा पार्श्वनाथ विद्यापीठ को
आर्थिक सहयोग :पार्श्वनाथ में अध्ययन हेतु विराजित विद्वान् मनीषी पू. मुनिराज श्री प्रशमरति विजय जी म.सा. की प्रेरणा से मुम्बई के श्री नंदप्रभा धार्मिक ट्रस्ट ने विद्यापीठ की गतिविधियों के संचालन हेतु एक लाख रुपये की सहयोग राशि प्रदान की है। पिछले दिनो पू. मुनिराज श्री प्रशमरति विजय जी म.सा. के भक्त सुश्रावक परेशभाई सेठ मुम्बई से यहाँ पधारे थे उन्होनें यहाँ की गतिविधियों में गहरी रुचि ली थी। विद्यापीठ प्रबन्ध मण्डल विशेषत: अध्यक्ष श्री रमेश चन्द बरण एवं प्रेसिडेण्ट डॉ. शुगन चन्द जैन जी पू. मुनिश्री प्रशमरति विजयजी म.सा. तथा सुश्रावक परेशभाई सेठ दोनों के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त करते हैं। श्री सुमतिनाथ जैन संघ नागपुर का विद्यापीठ पुस्तकालय के जीर्णोद्धार एवं संवर्धन हेतु आर्थिक सहयोगःपू. मुनिराज श्री प्रशमरति विजयजी म.सा की प्रेरणा से श्री सुमतिनाथ जैन संघ, नागपुर ने विद्यापीठ पुस्तकालय वे जीर्णोद्धार एवं संवर्धन हेतु रु.एक लाख आर्थिक