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|| जैन जगत् ।
पन्द्रहवां महावीर पुरस्कार- परिणाम घोषित भगवान् महावीर फाउण्डेशन द्वारा पन्द्रहवें महावीर अवार्ड का वितरण तमिलनाडु के राज्यपाल महामहिम डॉ० के रोसेय्या के करकमलों द्वारा चेनई स्थित चिन्मया हेरिटेज सेण्टर में विशाल जनमेदिनी के समक्ष सम्पन्न हुआ। यह सम्मान प्रति वर्ष चार पुरस्कार के रूप में अहिंसा का शाकाहार, शिक्षा तथा सामाजिक उत्थान एवं सेवा के क्षेत्र में विशेष योगदान देने वाले व्यक्तियों/संस्थाओं को दिया जाता है। इस वर्ष यह पुरस्कार निम्नलिखित क्षेत्रों में प्रदान किया गया - १-अहिंसा व शाकाहार - डॉ० चिरंजिलाल बागड़ा, कोलकाता ६६ वर्षीय डॉ० चिरंजिलाल बागड़ा, पिछले कई दशकों से अहिंसा व शाकाहार के क्षेत्र में अनुकरणीय एवं अभिनन्दनीय सेवाएं देते आ रहे हैं। आपने १९९१ में राष्ट्रीय एकता पुरस्कार, १९९७ में अहिंसा अन्तर्राष्ट्रीय पुरस्कार तथा २००६ में अहिंसा रत्न पुरस्कार भी प्राप्त किया है। २- चिकित्सा - डॉ० अनन्त सिन्हा, रांची : ४९ वर्षीय झारखण्ड निवासी अनन्त सिन्हा पुणे आर्मी कॉलेज से प्रशिक्षित हैं। आपने अपना कार्य पुणे के बंडोरावाला लेप्रेसी अस्पताल से प्रारम्भ किया। सन् २००८ में झारखण्ड (रांची) में सहकर्मी डॉक्टरों के साथ आपने देवकमल अस्पताल की स्थापना की। ३१ जनवरी, २०१२ तक इस अस्पताल में कुल ८७०० मरीजों का दाखिला हुआ तथा ७५०० से अधिक मरीजों का ऑपरेशन हुआ। डॉ. सिन्हा ने अब तक कुष्ठ रोग से पीड़ित १००० से भी अधिक मरीजों की रिकंस्ट्रक्टिव सर्जरी की है। ३- शिक्षा : कलिंगा इन्स्टटीट्यूट ऑफ सोशल साइन्सेस् , उड़ीसा : सन् १९९३ में ४७ वर्षीय डॉ० अच्युत सामन्ता ने भुवनेश्वर, उड़ीसा में १२५ आदिवासी विद्यार्थियों से कलिंगा इन्स्टीट्युट ऑफ सोशियल साइन्सेस् की स्थापना की। वर्तमान में यह संस्थान एक विश्वस्तरीय संस्थान बन चुका है जहां करीब १५५०० आदिवासी बच्चों को प्राथमिक शिक्षा से स्नातकोत्तर तक शिक्षा प्रदान की जा रही है। इस संस्थान से अब तक ५०,००० से भी अधिक व्यक्ति लाभान्वित हो चुके हैं।