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__ [ २६ ] अध्याय प्रधानविषय
पृष्ठाङ्क ५ समहत्त्ववृषभपूजनवर्णनम् ।
७४० बैल पालने का माहात्म्य । गाय के पालने से बैल का पालन करने में दस गुणा माहात्म्य अधिक है। वृष का पूजन और वृष को धर्म का अवतार बताया गया है वृष अपने कंधे पर भार ले जाता है, अपने जीवन से दूसरे के जीवन की रक्षा और दूसरे के जीवन को बढ़ाता है। उन गायों की महती बन्दना की गई है जो वृषभ को उत्पन्न करती है इत्यादि (४३-५६)। ५ हल ( वेध ) करण वर्णनम् ।
७४१ हल बनाने का विधान (६०-७६) । ५ कृप्याघनेक सवृषभवर्णनम् ।
७४३ हल लगाने का दिन तथा विधि का वर्णन किया है (७७-१००)। बैल का पूजन और बैल की रक्षा पर ध्यान देने का विधान (१०१-१११)। आकाश से जो जल गिरता है उसका माहात्म्य, पृथ्वी माता के जलरूपी अमृत पड़ने से अन्न की उत्पत्ति का वर्णन किया गया है (११२-११५)। . ५ कृषि महत्त्व धर्म वर्णनम् ।
| ৩৪৩ किस प्रकार की भूमि में कृषि करनी चाहिये इसका वर्णन किया गया है (११६-१५५ )।