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[ ४८ ]
अध्याय
प्रधान विषय
८ कन्या कुमारी को कोई कुत्ता यदि चाट ले तो उसकी शुद्धि जिधर सूर्य जा रहा हो उधर देखने से हो जाती है [ २८० - २८१ ] | कोई कुत्ता किसी को काट देवे तो उसकी शुद्धि की विधि बताई है [ २८२-२८४ ] | गुरु को 'तू' बोलना और अपने से बड़ों को 'हूँ हूँ' बोलना इस पाप की शुद्धि बताई है [ २८५ ] । विवाद में स्त्री से जीतकर और स्त्री को मारना उसका प्रायश्चित्त [ २८६२८७ ] । प्रेत को देखकर स्नान से शुद्धि का वर्णन [ २८८- २६३ ] । १०८ बार गायत्री मंत्र जपने से शुद्धि वर्णन [ २६४-२६५ ] | मुंह से गिरे हुए को फिर खा ले तो उसकी शुद्धि बताई है [२६६-२६८] कहीं जल पर पेशाब आदि के छींटे पड़ जायें तो उसकी शुद्धि [ २६६- ३०० ]। नीच पुरुष, पापी पुरुष और पतित के साथ बात करने से जो पाप लगता है तो अपने दाहिने कान को तीन बार छू लेने से शुद्धि [३०१-३०४] | घर में मक्खियों के आने से, बच्चों, स्त्रियों और वृद्धों के बोलने से यदि थूक के छींटे पड़ जाये तो कोई दोष नहीं होता है [ ३०५-३१०] । जो पलास वृक्ष और शीशम के वृक्ष की दन्तधावन करता है और नाई के देखे
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