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[ ५३ ] अध्याय प्रधानविषय
पृशङ्क १० दान विधि वर्णनम् ।
८८७ ब्राह्मण को वस्त्राभूषण दान का माहात्म्य, बड़े-बड़े रत्नों के दान का माहात्म्य, स्वर्ण तुला दान करने में भगवान विष्णु की पूजन का विधान, चांदी दान का माहात्म्य, माणिक्य के तुलादान का माहात्म्य, घृत, भोजन की चीज, तेल, पान आदि वस्तुओं का पृथक्-पृथक् दान माहात्म्य। फल, गुड़, अन्न, मकान, पलंग दान आदि का माहात्म्य
[२०१-२३३] । १० विद्यादान वर्णनम् ।
८८८ विद्यादान का माहात्म्य और विद्यार्थियों को भोजन, वस्त्र देने का माहात्म्य । सब दानों से अधिक विद्यादान बताया है | २३४-२४१ ] । औषधि दान और अस्पताल (औषधालय) खोलने
का माहात्म्य और दया दान [ २४२-२४८ ] । १० तिथिदान विधि वर्णनम् ।
८६० भगवान विष्णु का पूजन पौर्णमासी में करने का माहात्म्य [ २४६-२६०]। चैत्र शुक्ला द्वादशी को वस्त्रदान का माहात्म्य और छाता, जता दान