Book Title: Shikshaprad Kahaniya Author(s): Kuldeepkumar Publisher: Amar Granth Publications View full book textPage 9
________________ 54. 131 55. 136 137 57. 137 58 138 139 60. 140 61. 141 162 144 146 148 64 65. 66. 151 67 154 विद्या का महत्त्व मोह मार्जन कर्म ही आवरण है भगवान् कहाँ हैं? मनुष्य की आयु ज्ञान का प्रभाव हलका लेकिन बहुत भारी आत्मान्वेषण मनोनिग्रह सबसे शीतल क्या है? श्रम ही सौं सब मिलत है, बिन श्रम मिले न काहि किसका कैसा नाता रे शुभस्य शीघ्रम् अशुभस्य कालहरणम् सियार की चतुराई मुक्ति का उपाय स्वयं से बातचीत मानसिक प्रदूषण वर्तमान में जीने की कला जो होता है, अच्छा होता है संयम तुम मुझे नकटा कहते! बुद्धि का कमाल जेब कटने की पार्टी कान दो क्यों होते हैं? पढ़ने का चश्मा लॉटरी निकलने का दु:ख बचपन के संस्कार उलटवासी आकांक्षा और शांति 155 158 69. 70. 160 71. 161 162 163 163 164 165 166 167 168 80. 168 81. 169 82. 170Page Navigation
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